संवाददाता – विजय कुमार अग्रहरि।
* नौ हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
* जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी।
* अर्थदंड की धनराशि में से साढ़े चार हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।
* साढ़े सात वर्ष पूर्व घर में घुसकर नाबालिग लड़की के साथ हुए छेड़खानी का मामला।
सोनभद्र। साढ़े सात वर्ष पूर्व घर में घुसकर नाबालिग लड़की के साथ हुए छेड़छाड़ के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी राकेश विश्वकर्मा को तीन वर्ष की कैद एवं नौ हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से साढ़े चार हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक पन्नूगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने 20 अप्रैल 2016 को थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 20 अप्रैल 2016 को शाम तीन बजे राकेश विश्वकर्मा पुत्र बनाफल विश्वकर्मा निवासी गोलाबाद, थाना नौगढ़, जिला चंदौली अपने एक अन्य साथी के साथ घर में घुसकर उसकी नाबालिग लड़की का हाथ पकड़ कर छेड़छाड़ करने लगा। जब बेटी ने आवाज दी तो बगल के घर में से आ गई। तब घर से निकल कर दोनों जाने लगे तब तक गांव के लोगों ने पकड़ लिया। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी राकेश विश्वकर्मा को तीन वर्ष की कैद एवं नौ हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। कोर्ट ने दूसरे आरोपी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से साढ़े चार हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।