संवाददाता – विकास कुमार हलचल।
सोनभद्र। दुद्धी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक रामदुलारे गोंड को किशोरी से दुष्कर्म के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। भाजपा विधायक रामदुलार गोंड को कोर्ट ने 25 साल की कैद तथा 10 लाख 5 हज़ार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। नवंबर 2014 में म्योरपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था और 8 सालों की लंबी सुनवाई के बाद विधायक को किशोरी के साथ दुष्कर्म का दोषी पाया गया। एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश एहसानुल्लाह खां ने अर्थदंड की समूची राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा और विधायक समर्थकों को तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट में आदेश के बाद रामदुलार गोंड की विधायकी जानी तय मानी जा रही है पीड़िता के भाई की शिकायत पर ही नौ साल पहले रामदुलार गोंड के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ था। पीड़ित के भाई से सजा के बारे में पूछा गया तो भाई ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि , लंबी लड़ाई के बाद जो फैसला सुनाया गया उससे वो संतुष्ट है। भाई ने कहा कि मुझे उम्मीद थी कि 20 से 25 साल तक की सजा आरोपी को मिलेगी। सजा मिलने के बाद मुझे आगे सुरक्षा चाहिए और मेरे परिवार को भी सुरक्षा चाहिए क्योंकि अपराधियों की तरफ से लगातार उनके परिजनों द्वारा धमकी दी जा रही है। धमकी को लेकर हम लोगों ने लिखित शिकायत कर दी है। वहीं पीड़िता के पिता ने कहा कि न्यायालय पर हमें विश्वास था जो फैसला मिला उसे पर हम खुश है अभी तक जो धमकी मिल रही है उसको लेकर सुरक्षा के लिए मांग की जाएगी। वकील सत्यप्रकाश तिवारी ने बताया कि, लंबी कानूनी लड़ाई के बाद जज ने अपना फैसला सुनाया। आरोपी को दोषी पाते हुए 25 साल की सजा और 10 लाख 5 हज़ार का जुर्माना लगाया गया है। वह जुर्माना पुनर्वास के लिए पीड़िता को दिया जाएगा। पूरे पत्रावली को देखकर के जज ने पॉक्सो एक्ट में अभियुक्त को दोषी पाया। पीड़िता के वकील विकास शाक्य ने कहा, पीड़िता से रामदुलारे गोंड़ के नाजायज संबंधों के कारण पीड़िता को एक बच्ची पैदा हुई जो वर्तमान समय में पीड़िता के साथ है उसे पीड़िता के लिए न्यायालय ने कोई अलग से कंपनसेशन नहीं दिया है। वर्तमान समय में जो सरकार है जो बेटी बचाओ बेटी पढाओ की बात करती है पीड़िता से जो बेटी पैदा हुई है और इनके विधायक के ऊपर जो आरोप है। जिसे न्यायालय ने बलात्कारी साबित किया है। उससे जन्मी बेटी की विधायक देखरेख करें या उत्तर प्रदेश की सरकार उस बेटी को गोद ले और उसकी पालन-पोषण की जिम्मेदारी उठाएं। वकील विकास शाक्य ने कहा कि, फैसले से विधायक का सदस्यता चली जाएगी। क्योंकि 2 वर्षों तक के सजा का जो प्रावधान है, उसमे 2 वर्षों की सजा के बाद विधायकी नहीं रह पाती है। अपनी सीट खोनी पड़ती है। अब रामदुलारे गोंड़ को 25 वर्ष की सजा हुई है तो निश्चित तौर से उनकी विधायकी नहीं रह पाएगी।