विंध्य ज्योति गाजीपुर। शिव शंकर पाण्डेय
गाजीपुर के सदर कोतवाली क्षेत्र में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। पुलिस ने हत्या के प्रयास के मामले को महज मारपीट में दर्ज किया है। इतना ही नहीं युवक को गोली मारने की इस घटना में पुलिस ने युवक का मेडिकल परीक्षण तक कराने की जहमत नहीं उठायी। गोली लगने से घायल युवक एक हफ्ते तक न्याय की गुहार लगाता रहा। एक हफ्ते बाद जब पीड़ित युवक और उसके परिजन एमएलसी विशाल सिंह चंचल के कार्यालय पर न्याय की फरियाद लेकर पहुंचे, तो एमएलसी विशाल सिंह चंचल ने युवक को मेडिकल कालेज में भर्ती कराया। जहां युवक का ऑपरेशन कर डॉक्टरों ने उसके बाएं कंधे में धंसी गोली निकाली। पीड़ित युवक का मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा है। जबकि इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध बनी हुई है।हत्या के प्रयास के मामले को मामूली विवाद बताया मामला गाजीपुर सदर कोतवाली क्षेत्र के तुलसीसागर मुहल्ले के है। जहां रहने वाले युवक आलोक बलवंत को पिछले 11 सितम्बर को विवाद में दबंगों ने गोली मार दी। जो उसके बाएं कंधे में लगी। घटना के बाद पीड़ित और उसके परिजनों ने स्थानीय पुलिस से शिकायत की। इस घटना में पुलिस ने हत्या के प्रयास के मुकदमे बजाय महज मामूली मारपीट का मुकदमा दर्ज किया पीड़ित के बार-बार कंधे में गोली लगने की बात कहने के बावजूद पुलिस अपनी मनमर्जी पर डटी रही। पुलिस ने पीड़ित का मेडिकल भी नहीं कराया। जब पीड़ित और उसके परिवार के लोग जोर देने लगे तो पुलिस ने उन्हें थाने से डांटकर भगा दिया।युवक की एक्स-रे रिपोर्ट में दिखी कंधे में धसी गोली युवक ने अपने कंधे की मरहम पट्टी कराई। जब कंधे पर गोली लगी थी। इस लपवाही को सामने आने के बाद पुलिस अधीक्षक ने कोतवाल एवं एसआई सस्पेंड कर दिया है। इस मामले को गंभीरता से लेकर जांच शुरू करा दिया गया है।