संवाददाता – अनुज कुमार जायसवाल।
सोनभद्र।कोयले के काला खेल में बड़े उद्योगपतियों को बचाने के लिए और अधिकारी अपनी जवाब देही से बचने के लिए कार्यवाही का कोरमा पूरा कर रहे हैं। सलईबनवा प्रकारण मे दर्ज FIR पर प्रतिक्रिया ब्यक्त करते हुए उक्त बातें सलईबनवा ACC – कोल प्रकरण पर NGT में विचाराधीन याचिका के याचिका कर्ता विकाश शाक्य एडवोकेट ने कही। शाक्य ने बताया कि सलईबनवा रेलवे साइडिंग पर अवैध कोयले के भंडारण और उससे होने वाली पर्यावरण क्षति के संबंध में उच्च अधिकारियों को शिकायत भेजी गई थी साथ ही ACC द्वारा प्राकृतिक जल स्रोतो को बाधित कर नष्ट करने का भी मामला अधिवक्ता अभिषेक चौबे ने NGT नई दिल्ली में विकाश शाक्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया ओ ए नंबर 65 /2023 दाखिल किया गया है। एनजीटी ने स्थलीय निरीक्षण के लिए कमेटी बनाई।जांच कमेटी को ACC द्वारा प्राकृतिक जल स्रोत को नष्ट करने तथा कोयले के भंडारण सलईबनवा रेलवे साइडिंग का भौतिक सत्यापन कराया था।सलाईबनवा रेलवे साइडिंग पर अवैध कोल भंडारण के रिपोर्ट कमेटी ने NGT में दाखिल किया,जिस पर आदेश दिनांक 17 /5 /2023 पारित करते हुए NGT नई दिल्ली के प्रिंसिपल बेंच ने रेलवे को इसे रोकने के लिए जिम्मेदार ठहराया और उत्तर प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को रेलवे के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दो माह में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा। अगली सुनवाई 16 अगस्त निर्धारित किया गया परंतु 16 अगस्त को क्रियान्वयन और सुनवाई में मोहलत मांगी गई जिसपर अगली सुनवाई 23/ 11/ 2023 को निर्धारित की गई। भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार अवैध कोल भंडारण पर खुलासा करने से बचते हुए बड़े उद्योगपतियों को बचाने के लिए वहां चालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया, जबकि प्रशासन रेलवे एवं अन्य जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने से बच रही है। अभिषेक चौबे ने बताया कि सलईबनवा कोल भंडारण मामला आर्थिक अपराध से जुड़ा है जिसमें कई सफेद पोश अपराधी शामिल हैं इसलिए इस प्रकरण में पीएमएलए एक्ट के अंतर्गत कार्यवाही की जानी चाहिए तथा पूरे मामले पर NGT में 23 /11/ 2023 को सुनवाई के दौरान उठाने की बात कही है।