संवाददाता – विकास कुमार हलचल।
उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड के अध्यक्ष ने कामगारों को आवंटित पट्टे के सम्बन्ध में की समीक्ष बैठक।
सोनभद्र। अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड ओम प्रकाश गोला प्रजापति जी ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में माटीकला से जुड़े कामगारों को आवंटित पट्टों की वस्तुस्थिति आदि के सम्बन्ध में जनपद के अधिकारीगणों के साथ समीक्षा बैठक की। अध्यक्ष जी ने समस्त उप जिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि कैम्प लगाकर कामगारों को अधिक से अधिक पट्टे का आवंटन किया जाए, इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाये, इस दौरान उन्होंने एल0डी0एम0 को निर्देशित करते हुए कहा कि कामगारों को ज्याद से ज्यादा लोन कम समय में दिया जाए ताकि वे अपने काम को और बढ़ाते हुए अपने आय में वृद्धि कर सके। उन्होंने जिला ग्रामोद्योग अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि कामगारों को अधिक से अधिक टूल किट का वितरण कराया जाए ताकि वह अपने कार्य को और ज्यादा गति देकर अपने स्वरोजगार को बढ़ाते हुए अपना और ज्यादा विकास कर सके, उन्हेांने माटी कलाकारों, कुम्हारों से कहा कि सभी लोग पट्टे और लीज पर दुकान के आवंटन के संबंध में अपने तहसील के नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत में जाकर अधिशासी अधिकारी को पत्र दें, उन्होंने कुम्हार, प्रजापति समाज को अवगत कराते हुए कहा कि प्रदेश में मिट्टी का कार्य करने वाले कारीगरों एवं शिल्पियों के व्यवसाय में वृद्धि करने वाले तत्सम्बन्धित कामगारों के परम्परागत कला को संरक्षित और सम्बर्धित करते हुए उनकी सामाजिक सुरक्षा, आर्थिक सुदृढ़ता तकनीकी विकास को बढ़ावा देने व विपणन आदि की सुविधा उपलब्ध कराने तथा परम्परागत उद्योगों को नवाचार के माध्यम से संरक्षित एवं सम्बर्धित करते हुए अधिकाधिक लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उ0प्र0 माटीकला बोर्ड का गठन किया गया है, उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रानिक चाक के माध्यम से प्रतिदिन आठ घण्टे में चार से पांच हजार तक कुल्हड़ तैयार होंगंे, जिनको बेचकर चार से पांच हजार की आमदनी होगी, उन्होंने कुम्हारों को व्यवसाय के नये टेªडिंग व पैकेजिंग पर जोर दिया, उन्होंने बताया कि शादी विवाह व अन्य समारोह में माॅल व बड़े स्तरों पर काफी चाय, लस्सी, आदि के लिए डिजाईनर कुल्हड़, ग्लास को पसन्द किया जा रहा है, अब कुम्हारों को समय व आवश्यकता के अनुसार अपने परम्परागत व्यवसाय में नवाचार पहल करने की आवश्यकता है, अध्यक्ष ने बताया कि औद्योगिक जगत द्वारा कच्चे माॅल के रूप में माटी का प्रयोग कर मूर्तियां, खिलौने, बर्तन इत्यादि वस्तुएं बनाने का प्रचलन सदियों से रहा है, सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों के प्रयोग से स्वास्थ्य के साथ पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, इससे कैंसर व अन्य प्रकार की बीमारियां पैदा हो रही है, इसलिए सरकार माटीकला के विभिन्न योजनाओं द्वारा स्वरोजगार को प्रेरित कर रही है, अध्यक्ष जी ने बताया कि प्रधानमंत्री जी के ’’वोकल फार लोकल’’ एवं मुख्यमंत्री जी के एक जनपद एक उत्पाद के द्वारा स्थानीय माटी कलाकारों के उत्पादों को बल मिला है। पूर्व में वितरित इलेक्ट्रानिक चाक के माध्यम से हम अपने परम्परागत व्यवसाय व तकनीकी में आधुनिकता का नवाचार समाहित कर रहे हैं, जिससे कुम्हारों के जीविकोपार्जन में उन्नयन होगा। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) सहदेव कुमार मिश्र ने कहा कि सभी तहसीलों के कुम्हारी व्यवसाय से जुड़ें कामगारों की सूची बना ली जाये और जो पात्र लाभार्थी हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर पट्टा देने का कार्य किया जाये, जिससे कि वह अपने रोजगार में और अधिक वृद्धि कर सके और उनकी आय में बढ़ोत्तरी हो सके। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष जी द्वारा जो भी दिशा-निर्देश बैठक में दिये गये हैं, उसका अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। इस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी ने भी माटीकला से जुड़ी उत्पादों और उनसे होने वाले लाभ के सम्बन्ध में उपस्थित लाभार्थियों को जानकारी दी, इस दौरान जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी श्रीमती किरन श्रीवास्तव ने केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के माध्यम से माटीकला बोर्ड द्वारा संचालित योजनाओं के सम्बन्ध में लाभार्थियों को बिन्दुवार जानकारी दी, इस दौरान कार्यक्रम का सफल संचालन सुश्री साधना मिश्रा जिला समन्वयक जिला प्रोबेशन कार्यालय द्वारा किया गया। इस दौरान अध्यक्ष जी का स्वागत अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन नाथ त्रिपाटी, खादी ग्रामोद्योग अधिकारी श्रीमती किरन श्रीवास्तव ने पुष्पगुच्छ व स्मृतिचिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया। इस दौरान बैठक में उप जिलाधिकारी सदर निखिल कुमार यादव, उप जिलाधिकारी घोरावल राजेश सिंह, उप जिलाधिकारी ओबरा प्रभारक सिंह, अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह सहित अन्य सम्बन्धितगण उपस्थित रहें।