विंध्य ज्योति गाजीपुर। शिव शंकर पाण्डेय
ग़ाज़ीपुर केविकास खंड भदौरा के पचौरी गांव के बीचो-बीच प्राचीन शिव मंदिर स्थित है। यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। सावन के माह में यहां लोग दूर-दराज से जलाभिषेक करने पहुंचते है। मनौती पूरी होने के बाद यहां लोग चढ़ावा चढ़ाने भी पहुंचते हैं। मंदिर में लोग साफ-सफाई और पवित्रता के साथ पूजा करते है शिव मंदिर का इतिहास दो सौ साल पुराना है। जानकारी के अनुसार दो सौ साल पहले जंगल झाड़ था। सन् 1818 ई0 में पांच गांवों से आए लोगों ने टीला नूमा स्थान पर जंगल झाड़ काटकर पचौरी गांव बसा। जंगल में मिले काले शिव लिंग के जगह पर मुकुंद लोहार ने मंदिर व कुएं का निर्माण कराया था। सन् 2014 में गांव समाज के द्वारा मंदिर का मरम्मत कराया गया। अभी भी यहां दूर-दराज से श्रद्धालु पहुंचकर पूजा-अर्चना करते हैं। माता गौरी, गणेश, कार्तिकेय, हनुमान जी, नंदी जी के विग्रह की स्थापित है। श्रद्धालुओं में अटूट आस्था है। यहां सावन माह की सोमवारी एवं महाशिवरात्रि के मौके पर बड़ी संख्या में शिवभक्तों का जुटान होता है। पचौरी गांव स्थित यह शिव मंदिर सदियों से ही शिवभक्तों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। महाशिवरात्रि के अवसर पर क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से बड़ी तादाद में श्रद्धालु यहां पहुंच कर बाबा भोलेनाथ के शिवलिंग पर जलाभिषेक व पूजा-अर्चना कर मन्नतें पूरी होने की कामना करते हैं। सावन की सोमवारी को लेकर मंदिर, और आसपास की साफ-सफाई की गई है।पुजारी पंडित अरुण उपाध्याय ने बताया कि मंदिर पर हर दिन श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है।