राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत सेवानिवृत्त शिक्षक ऊंचडीह निवासी डॉ ओम प्रकाश त्रिपाठी की धर्मपत्नी थी उर्मिला देवी।
श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने उन्हें एक धर्म एवं संस्कृति प्रिय कुशल गृहणी बताते हुए किया शत-शत नमन।
संवाददाता अनुज कुमार जायसवाल।
सोनभद्र। जनपद के सदर ब्लाक क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत ऊंचडीह के संभ्रांत नागरिक, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य डॉ ओमप्रकाश त्रिपाठी के आवास पर बुधवार को देर शाम उनकी धर्मपत्नी स्मृति शेष उर्मिला देवी की तीसरी पुण्य तिथि पर उन्हें याद कर परिवार सहित जनपद के गणमान्य जनों द्वारा श्रद्धांजलि दी गई। राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत सेवानिवृत्त शिक्षक
डा ओमप्रकाश त्रिपाठी ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपनी जीवन संगिनी स्मृति शेष उर्मिला देवी के संग बिताए अपने 54 साल के अनुभवों को साझा कर उनके निराले व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे आशुतोष दुबे ने टूटते परिवार और बिखरते रिश्तों को संगठित करने में
घर की गृहिणी की भूमिका के महत्त्व को निरूपित किया। संत कीना राम महिला पीजी कालेज के निदेशक डॉ गोपाल सिंह ने टूट रहे संयुक्त परिवार, संस्था और बिखरते मूल्यों पर चिंता व्यक्त करते हुए परिवार को एक जुट रखने में गृहिणी के योगदान की विषद व्याख्या किया। शहीद उद्यान ट्रस्ट परासी के चेयरमैन विजय शंकर चतुर्वेदी ने नारी सशक्ति करण से बदल रही सामाजिक जीवन की तस्वीर को व्याख्यापित किया। सोन साहित्य संगम के संयोजक एवं संयुक्त अधिवक्ता महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश शरण मिश्र ने अपनी स्वरचित कविता के माध्यम से उन्हें सनातन संस्कृति की महान उपासक आदर्श नारी के स्वरूप को रेखांकित किया।
श्रद्धांजलि सभा में सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य के छोटे
भाई शीतला आचार्य , कृषि वैज्ञानिक एवं फ़ोर यस होम्योपैथिक फार्मेसी कॉलेज के निदेशक डॉ जय नारायण तिवारी , स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार के चंद्रकांत शर्मा,कांग्रेस के कद्दावर नेता राजेश द्विवेदी, शिक्षक कवि आनंद त्रिपाठी, शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजीव त्रिपाठी , श्रीप्रकाश त्रिपाठी, निर्मल देव पाण्डेय , पवन मिश्र , सुरेश पाठक एडवोकेट भाजपा नेता एवं प्रधान प्रतिनिधि अनुपम त्रिपाठी, श्रीरामचरित मानस समिति के प्रमुख सहयोगी राकेश त्रिपाठी सहित त्रिपाठी परिवार के अन्य सदस्यों ने उनकी स्मृतियों को यादों को रूधे गले से बयां किया तो उपस्थित जनों की पलकें नम होकर बोझिल सी हो गई। अंत में दो मिनट का मौन रखकर स्मृति शेष गृहिणी उर्मिला देवी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। संचालन पत्रकार एवं प्राध्यापक भोलानाथ मिश्र ने किया।