बच्चों का संरक्षण हम सबका दायित्व- सुधांशु शेखर शर्मा
विंध्य ज्योति, विकास कुमार हलचल।
सोनभद्र। जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह के निर्देश के क्रम में जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधांशु शेखर शर्मा के मार्गदर्शन में बाल विकास परियोजना अधिकारी हरिमोहन की अध्यक्षता में घोरावल ब्लॉक सभागार में ब्लॉक बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति, बाल विवाह तथा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की संयुक्त बैठक आहूत की गयी। बैठक में एजेण्डा बिन्दु पर चर्चा किया गया उसके उपरान्त संरक्षण अधिकारी रोमी पाठक द्वारा केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण जो मुख्य रूप से अनाथ, छोड़ दिए गए और आत्म-समर्पण करने वाले बच्चों के गोद दिलाने के लिए काम करती है, पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994 भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकना आदि के बारे मे बताया गया साथ ही महिला कल्याण विभाग से संचालित समस्त योजनायें जैसे प्रवर्तकता कार्यक्रम, फॉस्टर केयर योजना, पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, घरेलू हिंसा से पीडित महिलाओं को आर्थिक एवं कानूनी सहायता आदि के बारे मे बताया गया बाल कल्याण अधिकारी घोरावल द्वारा आपातकालीन सेवायें जैसे 181,1090,112 ,1098,1076 आदि के बारे में भी जानकारी दी गयी।बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा बाल विवाह पर चर्चा करते हुये कहा किसी लड़की या लड़के की शादी 18 साल की उम्र से पहले होना बाल विवाह कहलाता है। बाल विवाह में औपचारिक विवाह तथा अनौपचारिक संबंध भी आते हैं, जहां 18 साल से कम उम्र के बच्चे शादीशुदा जोड़े की तरह रहते हैं। बाल विवाह, बचपन खत्म कर देता है। बाल विवाह बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और संरक्षण पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। संरक्षण अधिकारी गायत्री दुबे द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढाओ पर चर्चा करते हुये कहा गया कि बेटियाँ हर एक क्षेत्र में बराबर की सहभागिता निभा रही है लेकिन फिर भी समाज के कुछ क्षेत्रों में जागरूकता की कमी के कारण उन्हें वे अधिकार नहीं मिल पाते जो उन्हें मिलने चाहिए, उनके साथ भेदभाव किया जाता है। समाज के कुछ क्षेत्रो में होने वाले इस भेद भाव को दूर करने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है साथ ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एवं बाल विवाह एवं दहेज मुक्त जिला बनाने हेतु शपथ दिलाई गई। ओ आर डब्ल्यू शेषमणि दुबे द्वारा किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम) 2015 नियमावली 2016 के अन्तर्गत बाल कल्याण समिति व किशोर न्याय बोर्ड द्वारा देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों की देखरेख, संरक्षण, उपचार, विकास और पुनर्वास और उनकी मूलभूत आवश्यकताओं तथा संरक्षण के विषय में, पाक्सो यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम 2012 के बारे में बताया गया। साथ ही सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओ को ग्राम स्तर पर जन-जन तक पहुंचाया जाये। बैठक में, जिला बाल संरक्षण इकाई से संरक्षण अधिकारी रोमी पाठक, गायत्री दुबे ओ आर डब्ल्यू शेषमणि दुबे,पुलिस थाने से बाल कल्याण अधिकारी राम गोविन्द यादव ,महिला आरक्षी दीपा पासवान, प्रभारी खण्ड शिक्षा अधिकारी, ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव, आंगनबाड़ी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा सम्बन्धित ब्लॉक की महिलाये एवं पुरूष आदि उपस्थित रहे