मशरूम प्रशिक्षण उत्पादन इकाई के निर्माण का मुख्य उद्देश्य जनपद के कृषक/स्वयं सहायता समूह के महिलाओं को प्रशिक्षित कर उपलब्ध कराया जायेगा रोजगार – जिलाधिकारी।
सोनभद्र।
जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह के निर्देशन में राजकीय पौधशाला, लोढ़ी, विकास खण्ड रावटर्सगंज, सोनभद्र में जिला खनिज निधि के अन्तर्गत नवनिर्मित मशरूम प्रशिक्षण व उत्पादन इकाई का निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य लगभग 90 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है, जिलाधिकारी ने अवगत कराया है कि मशरूम प्रशिक्षण उत्पादन इकाई के निर्माण का मुख्य उद्देश्य जनपद के कृषक/स्वयं सहायता समूह के महिलाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार उपलब्ध कराया जाना है, जिससे कि जनपद के निवासियों को रोजगार के साधन उपलब्ध होगी और वह विकास की ओर अग्रसर होंगे
जिलाधिकारी के निर्देश के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गंगवार द्वारा नव निर्मित मशरूम प्रशिक्षण उत्पादन इकाई का स्थलीय निरीक्षण किया गया, निरीक्षण के दौरान कार्य मानक के अनुरूप तथा सामग्री गुणवत्तापूर्ण पायी गयी, इस इकाई के फर्श का निर्माण यू0पी0पी0सी0एल0 के द्वारा कराया गया है, जिसमें कुछ कार्य जैसे- सीढ़ी का निर्माण शेष है। जिला उद्यान अधिकारी, सोनभद्र द्वारा अवगत कराया गया है, कि उक्त मशरूम प्रशिक्षण उत्पादन इकाई का 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है शेष 10 प्रतिशत कार्य अवशेष है, तथा यह भी बताया गया कि इस इकाई से मशरूम के उत्पादन का प्रशिक्षण जनपद के कृषकों को दिया जायेगा, प्रशिक्षण प्राप्त कृषकों को एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजनान्तर्गत मशरूम उत्पादन इकाई हेतु प्रति इकाई अनुमन्य लागत धनराशि रू0 20.00 लाख है, जिसके सापेक्ष 40 प्रतिशत धनराशि रू0 8.00 लाख सब्सिडी के रूप में प्रदान की जायेगी। मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि उक्त इकाई का कार्य अगले एक माह में पूर्ण कर संचालित करते हुए कृषकों को प्रशिक्षित किया जाय। प्रशिक्षण प्राप्त कृषक एंव स्वयं सहायता समूह की महिलाएं स्वयं की मशरूम इकाई स्थापित करने हेतु योग्य हो जायेगी, तथा अपनी आमदनी तथा रोजगार बढ़ा सकेगी। प्रारम्भ में इस इकाई का संचालन उद्यान विभाग के विशेषज्ञों द्वारा किया जायेगा तत्पश्चात् एसएचजी इकाइयों को प्रशिक्षण के बाद एसजीएच को सौंपना या जिला प्रशासन के निर्देशानुसार कार्यवाही की जायेगी। मशरूम अत्यधिक प्रोटीनयुक्त होता है इसलिए इसे स्कूल और एसएएम और एमएएम बच्चों में मध्य भोजन के रूप में शामिल किया जा सकता है।