संवाददाता। मिथिलेश कुमार भारद्वाज।
डाला सोनभद्र। नगर पंचायत डाला बाजार के वार्ड नंबर पांच डाला चढ़ाई व वार्ड नंबर एक धौठा टोला में नेडा विभाग द्वारा सोलर स्ट्रीट लाइट लगवाए जाने में दिख रही खामियां जन हित के विकास कार्यों के धन को बंदर बांट कर ठेकेदार जेब भरने में लगे ,भ्रष्टाचार जोरो पर ,विभाग मौन जहा सूबे के मुख्यमंत्री एक तरफ भ्रष्टाचार मुक्त को लेकर अनेक प्रकार के योजनाएं चला रहें हैं वहीं उनके मनसूबों पर विभागीय अधिकारियों से साठ गाठ कर मानक विहीन कार्य कर जेब भरने में मस्त हैं। ऐसा ही मामला नगर पंचायत आए दिन देखने को मिल रहा है मिली जानकारी के मुताबिक ओबरा ताप्तिय परियोजना ओबरा – सी के सीएसआर के तहत नगर पंचायत डाला बाजार में सोलर स्ट्रीट लाइट का स्थापना कार्य वित्तिय वर्ष 2024/25 के सहयोग से कार्यदाई संस्था – यूपी नेडा सोनभद्र को दे दिया गया और यूपी नेडा सोनभद्र ने स्थापनाकर्ता – सनसरोवर प्राइवेट लिमिटेड को लगभग 222 पोल लगवाने हेतु दे दिया गया जिसके बाद स्थापना कर्ता ठेकेदार के द्वारा नगर के वार्ड नंबर 5 डाला चढाई झपरहवा टोला व वार्ड नंबर 1धौठा टोला मे सोलर स्ट्रीट लाइट पोल सहित लगवाने का कार्य शुरू कर दिया और लगभग 90 सोलर स्ट्रीट लाइट पोल को स्थापित करने हेतु गढ्ढा खोदने वाला डिल मशीन से गढ्ढा खोदकर पोल खड़ा कर दिया गया लेकिन उसमें अंदर कंक्रीट नहीं किया गया और ऊपर से कोरम पूरा करते हुए दो छोटी तगाड़ी मशालें की सांचा से ऊपर ऊपर डलाई कर दिया जा रहा है और ठेकेदार को कार्य करवाने की इतना जल्दी था की उसको सोलर स्ट्रीट लाइट कहा लग रहा है उससे जनहित में कितना लाभ होगा जहां ऐसे ऐसे जगहों पर लाइट लगाई गई जहा पहले से ही बड़े बड़े हाइ मास्क स्ट्रीट लाइट व लाइट की व्यवस्था सुदृढ़ है ठेकेदार अपने कोटा को खपत करने हेतु कई ऐसे जगहों पर घर के बाउंड्री में लगा दिया है जिसको लेकर नगर वासियों में चर्चा का विषय बना हुआ वहीं जानकारी के मुताबिक बिना कंक्रीट के ही सोलर स्ट्रीट लाइट पोल खड़ा करने के शिकायत पर नगर के अधिशासी अधिकारी ने भी स्थलीय निरीक्षण किया और खामियां पाए जाने पर ठेकेदार को फटकार लगाते हुए मानक को देखते हुए कार्य करने हेतु कहा गया था लेकिन ठेकेदार द्वारा अधिशासी अधिकारी अमीत कुमार सरोज के निर्देश को दरकिनार करते हुए नगर दोनों वार्ड में स्ट्रीट लाइट पोल के ऊपर से हल्का फुल्का कंक्रीट का पालिस कर कार्य पूर्ण कर चलते बने। वहीं बात करें तो रहवासियों के मन चर्चा का विषय बना हुआ है की जब किसी भी परियोजना के द्वारा सीएसआर के फंड आवंटित किए जाते की उनके क्षेत्र में विकास के साथ जनहित समस्या दूर हो सकें। वहीं दूसरे तरफ संबंधित ठेकेदार मानक को ताख पर रखते हुए जेब भरने में लग जाते हैं और केवल कोरम पूरा कर चलते बनते और उच्च अधिकारियों की नजर पड़ने के वावजूद भी मौन रहते ऐसा क्यों? इस संबंध नेडा के पीओ (परियोजना अधिकारी) ने बताया कि उपरोक्त मामले की जानकारी नहीं थी ऐसा मामला है तो जांच किया जायेगा। हर संभव प्रयास रहेगा कि मानक ध्यान में रखकर कार्य किया जाए।