संवाददाता। विजय कुमार अग्रहरी।
चोपन/ सोनभद्र – विकास खंड चोपन के ग्राम पंचायत पटवध में चल रहे संगीतमय सप्तदिवसीय श्रीमद् भागवत कथा में पंचम दिवस काशी से पधारे व्यास पं कौशलेंद्र दास शांडिल्य जी महाराज ने कहा कि जीव जब देह गेह के साथ रहता है तो आसक्त बनता है, बैरागी संतो के साथ मिलकर विरक्त बनता है और जब भागवत के सानिध्य में आता है तो भक्त बनता है। छाया सूर्य के सदा विपरीत रहती है, उसके जितने नजदीक जाओगे वह उतना ही दूर भागती है और यदि पलट के सूर्य की तरफ जाओ तो पीछे-पीछे आती है, छाया माया है, और सूर्य परमात्मा, माया को जितना पकड़ना चाहोगे वह उतना ही आपसे दूर भागेगी और यदि पलट के परमात्मा की तरफ चल पड़े तो वही माया आपके पीछे-पीछे दौड़ेगी। श्रीमद् भागवत की कथा जीव को माया के बंधनों से छुड़ाकर के परमात्मा के भक्ति में लगाती है। भागवत भगवान को प्राप्त करने का सरलतम साधन है। भगवान श्री कृष्ण ने अपनी विविध बाल लीलाओं के द्वारा बृजवासियों को दिव्य आनंद की अनुभूति कराई और जब इंद्र ने कुपित होकर के प्रलय कालीन वर्षा कराई तो 7 वर्ष के छोटे से कृष्ण ने 7 दिनों तक अनवरत गिरि गोवर्धन को धारण कर संपूर्ण बृजवासियों की रक्षा की | यज्ञ व कथामंच का संचालन आचार्य पं दिलीप देव पाण्डेय ने किया इस मौके पर मुख्य यजमान श्रवण कुमार पाण्डेय सपत्नीक, मोतीलाल पाण्डेय, मंडल अध्यक्ष सुनील सिंह, रामनिरंजन पाण्डेय, दीपक दुबे, सुनील पाठक, तेजवंत पाण्डेय, अशोक दुबे,पवन पाण्डेय आदि मौजूद रहे|