संवाददाता। जय प्रकाश सिंह।
अरे सांभा कितना जुर्माना रखी है सरकार ,भ्रष्टाचार पर सरदार पूरे 500 रुपये।
अनपरा सोनभद्र। ये डायलॉग सुनने में अजीब लगता होगा फिल्म शोले का यही सच है नगर पंचायत अनपरा का। नगर पंचायत के तरफ से सौचालय पर स्लोगन तो जनता के लिये लिख दिया है किंतु खुद व्यापत भ्रष्टाचार में लिप्त है। अनपरा नगर पंचायत जंहा पहले से भ्रष्टाचार के मामले पर सुर्खियों में छाया है।वहीं इस बार लोक आस्था के महापर्व पर फिर से सुर्खियों में आ गया। जंहा उत्तर प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाना चाहती है।किन्तु यंहा के अध्यक्ष और अधिकारी सरकार को बदनाम करने में कोई मौका छोड़ना नही चाहते ।यंहा पर सालों से तैनात बाबू पर अगर निष्पक्षता से जांच हो जाये तो वे कानून के घेरे में आ जायें। अनपरा नगर पंचायत के अर्जुन छठ घाट पर सफाई के नाम पर लाखों का टेंडर भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ता नजर आया।।लोक आस्था के महापर्व पर महिलाएं तालाब के बहते पानी और उसमें नाली का गन्दा पानी में अर्घ देती और पूजा करती नजर आई।केवल नगर पंचायत के अधिकारियों और कर्मचारियों का घाट का निरक्षण दिखावा रहा।कई सालों से बस्ती के नाली का गंदा पानी छठ घाट में गिरता रहा किन्तु ये नगर पंचायत को नही दिखा ।सूत्रों के अनुसार घाट के निर्माण में लगभग 35 लाख का टेंडर कागजों पर रह गया और जो कुछ कार्य हुआ पूल निर्माण और सीढ़ियों का वे भी एक छोटा सा बरसात का पानी नही झेल पाया।वही कुछ लोगों द्वारा बताया कि 10 साल से बने यंहा के स्थानीय लोगों के सहयोग से बने सीढ़िया और पुल अभी भी सही सलामत है किन्तु नगर पंचायत के द्वारा किया गया कार्य भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गया। नगर विकास मंत्री ए0 के0 शर्मा के आदेशों को नजर अंदाज करते नजर आए ।नगर पंचायत अनपरा के अध्यक्ष और कर्मचारी। लगभग 15 सालों से बने लाखों का सौचालय धूल फाकते और बंद नजर आया।सौचालय के साफ सफाई और रख रखाव की प्रक्रिया केवल कागजों पर ही सिमित रह गया।स्थानीय लोगों ने बताया कि ये सौचालय लगभग 15 सालों से बंद पड़ा है आज तक ये कभी जनता के लिए नही खुला है ।हम लोग सौच के लिए बाहर जाते है।यंहा तक कि छठ पूजा में भी सौचालय नही खुला बर्ती महिलाओं और पुरुषो को सौच के लिये बाहर जाना पड़ा ।अधिकारियों को यह भी ध्यान नही रहा कि छठ घाट और आबादी के बीच बना सौचालय को लोक आस्था के महापर्व पर कम से कम उस दिन तो खोल देना चाहिए ताकि महिलाएं एवं पुरूष श्रद्धालुओं को असुविधा न हो कंही भी न् तो स्नान घर और न मोबाइल टायलेट की व्यवस्था थी। वही दीवालों पर पेंटिंग कर बहुत ही अच्छा स्लोगन नगर पंचायत के तरफ से लिखा गया है। अरे अरे सांभा ,कितना जुमार्ना रखें है। सरकार गन्दगी फैलाने पर, 500 रुपये पूरे 500 सरदार। अब देखना होगा कि सरकार इन भ्रष्टाचार में लिप्त नगर पंचायत के अध्यक्ष और अधिकारियों पर कितना जुमार्ना लगाती है सरकार। वहीं पूरे मामले की जानकारी के लिये नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी से फोन द्वारा समपर्क करने पर उनका फोन न् उठाना संदेह के घेरे में लाता है।