संवाददाता। मिथिलेश कुमार भारद्वाज।
सोनभद्र। जिले का नाम लेते ही सभी के दिमाग पर बड़े-बड़े पत्थर के चट्टान पत्थर की खदानें पहाड़ियां झरने और जिले में स्थित सोन नदी की बालू अन्य कई बातें बातों नजर आने लगते हैं लेकिन रेणुका नदी पार ग्राम खरहरा थाना चोपन सोनभद्र जिला के अंतर्गत आपको ऐसे मिट्टी के छोटे-छोटे टीले देखने को मिलेंगे जहां पर गाय बकरी और भी कई जानवर मिट्टी से बने टीले को बड़े चाव से खाते हैं मानसून खत्म होने के बाद ऐसा लगता है जैसे मानो इन जानवरों के लिए यह मिट्टी नहीं मलाई की तरह हो जाती है और जो भी जानवर चारा के लिए इधर से गुजरते हैं वह बड़े चाव से इस मिट्टी को खाते हैं गांव वालों से पूछने पर मालूम चला तो लोगों ने बताया की 12 महीने जब भी जानवर इधर से गुजरते हैं तो बड़े चाव से इस मिट्टी को खाते हैं पूछने पर ग्रामवासी ने बताया की जानवर मिट्टी खाते हैं लेकिन फिर भी कोई बीमारी नहीं होती है जिले के पशु चिकित्सक से बात करने पर उन्होंने बताया कि अभी इसके बारे में कोई ठोस सबूत हमें नहीं मिले हैं।