देवरिया, निज संवाददाता। श्री रामलीला के तीसरे दिन शुक्रवार को शहर में श्रीराम बारात
देवरिया, निज संवाददाता। श्री रामलीला के तीसरे दिन शुक्रवार को शहर में श्रीराम बारात का आयोजन हुआ। शहर के विभिन्न मार्गों से बारात भ्रमण करते हुए वापस श्रीरामलीला मैदान पहुंची। बीच में कई जगह बारात का भव्य स्वागत हुआ। शहर की सड़कें राममय हो गईं। चहुंओर जयश्रीराम के जयकारे गूंजते रहे।
श्रीरामलीला मैदान से दोपहर लगभग दो बजे बारात सज धजकर निकली। राजा दशरथ के चारों पुत्र घोड़े पर सवार होकर निकले। सुंदर वेशभूषा में सजे धजे राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न की छवि देखते ही बन रही थी। पीछे रथ पर मां सीता सखियों संग सवार थीं। ऋषि बशिष्ठ और राजा दशरथ अन्य रथ पर सवार होकर पीछे पीछे चल रहे थे। चारों भाई और रथों के बीच में सिर पर भगवा साफा बांधे श्रद्धालु भजन कीर्तन चलते रहे। बारात कोआपरेटिव चौराहा होते हुए नगरपालिका रोड पहुंची।
यहां हिन्दू सम्राट दल के बैनर तले भरत मद्देशिया की टीम ने अक्षत पुष्प आदि की वर्षा कर स्वागत किया। बारात नगरपालिका परिषद कार्यालय, तहसील चौक होते हुए अमन गेट पर पहुंची। यहां पर समाजसेवी जावेद अहमद के नेतृत्व में लोगों ने बारात का भव्य स्वागत किया। यहां बारात रेलवे स्टेशन, मालगोदाम तिराहा, कसया ढाला पहुंची। यहां से मोतीलाल रोड में प्रवेश कर गई। रोटरी क्लब देवरिया सेंट्रल के अध्यक्ष डॉ. विपिन बिहारी शर्मा, संयोजक हिमांशु सिंह के नेतृत्व में लोगों ने बारात को जलपान कराया।
बारात आगे बढ़ते हुए कोतवाली चौराहा से कोतवाली रोड में मुड़ गई। रास्ते में बरनवाल समाज के लोगों ने बारात का स्वागत किया। आगे चलकर बारात अंसारी रोड से होते हुए मालवीय रोड पहुंची। आर्य समाज मंदिर के सामने इनरव्हील क्लब देवरिया सेंट्रल की महिलाओं ने राम समेत चारों भाईयों, दशरथ, ऋषि वशिष्ठ और सीता जी का माल्यार्पण किया। अक्षत, पुष्प आदि की वर्षा कर सभी की धूप दीप से आरती की। इसके बाद बारात टाउनहाल पर पहुंची।
यहां से श्रीरामजानकी मंदिर, कोआपरेटिव चौराहा होते हुए वापस रामलीला मैदान में मंचन स्थल पर पहुंचकर विराम लिया। इस अवसर पर श्री रामलीला समिति के अध्यक्ष अरुण बरनवाल, मंत्री निखिल कुमार सोनी, कोषाध्यक्ष कमलेश मित्तल, कृष्णमोहन गुप्ता एडवोकेट, जीवनलाल बरनवाल, राजेंद्र जायसवाल, डॉ. सौरभ श्रीवास्तव, सुभाष मद्देशिया, सुनील सोनी, शंखपाल सर्राफ, नंदजी वर्मा, कैलाश वर्मा, कपिल सोनी, कंचन बरनवाल, नरेंद्र बरनवाल, दिनेश, बृजेश राय, वीरेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।
राम विवाह का मंचन देख भावविभोर हुए श्रद्धालु
शाम को आयोजित श्रीरामलीला मंचन में गुरु वशिष्ठ, राजा दशरथ का पुत्रों व बारातियों समेत जनकपुर में स्वागत हुआ। बारात के ठाठ बाट की व्यवस्था से दशरथ राजा जनक पर प्रसन्न हुए। राम समेत चारो भाईयों का विवाह सीता और उनकी बहनों से हुआ। मंच पर दृश्य बदलता है। राजा दरशथ अयोध्या पहुंचकर राम के राज्याभिषेक की घोषणा करते हैं।
मंथरा के समझाने पर कैकेयी राम को चौदह वर्ष का वनवास और भरत को राज्य का वर मांग लेती हैं। अगले दृश्य में राम, लक्ष्मण व सीता के साथ वन को चले जाते हैं। वहां राम और केवट का संवाद होता है। आरती के साथ रामलीला विराम लेती है।