देवरिया में मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी के पीछे एक नवजात बच्चा कूड़े के ढेर पर मिला। डॉक्टर्स ने उसे बचाया और साफ करके एनआईसीयू में भर्ती कराया। बच्चे की हालत ठीक है और उसका वजन 2.7 किलोग्राम है। सोशल…
देवरिया, निज संवाददाता। मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी के पीछे कूड़े के ढ़ेर पर एक नवजात मिला। नवजात की रोने की आवाज सुनकर डॉक्टर्स और नर्स पहुंचे। नवजात के पूरे शरीर पर चिंटियों रेंग रही थी। उन्होंने नवजात को उठाकर उसे साफ करके एसएनसीयू में भर्ती किया। सूचना पर चाइल्ड केयर और पुलिस भी पहुंची।
शहर के मेडिकल कॉलेज के इमर्जेंसी बिल्डिंग के पीछे बुधवार सुबह बच्चे की रोने की आवाज सुनकर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर्स और नर्स मौके पर पहुंचे। नवजात शिशु कूड़े के ढ़ेर पर पड़ा था। नवजात के शरीर पर चिटियां चिपकी थी। डॉक्टर्स और नर्स उसे साफ करने के बाद नवजात शिशु को एनआईसीयू में भर्ती कराया। नवजात के मिलने की सूचना पर मौके पर भीड़ उमड़ पड़ी। सभी नवजात की मां को कोस रहे थे। चौकी प्रभारी मोहम्मद रिजवान ने बताया कि दो बजे सुबह घटना की जानकारी मिली।
मौके पर पहुंचकर नवजात को भर्ती कराया गया। मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता डॉ. पुरुषोत्तम ने बताया कि रात में इमरजेंसी में डॉक्टर्स और नर्स ड्यूटी पर थे। नवजात के रोने की आवाज सुनकर उसे साफ कर एसएनसीयू में भर्ती कराया गया है। उसके शरीर पर चिटियों के काटने के निशान मौजूद हैं। पुलिस और चाइल्ड केयर के लोग भी पहुंच गए थे। बच्चे की हालत ठीक है उसका वजन 2.7 किलोग्राम वेट है।
नवजात को गोद लेने को आतुर रहे लोग
मेडिकल कालेज की इमरजेंसी के पास नवजात बच्चा मिलने की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इस पर कई लोग बच्चे को गोद लेने के लिए सक्रिय हो गए। कुछ ने सोशल मीडिया पर ही जानकारी लेनी शुरू कर दिया। इस पर किसी ने लिख दिया कि मेडिकल कालेज से सम्पर्क करें।
वहीं एक युवक और एक दंपति समेत कई लोग मेडिकल पहुंचकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एचके मिश्र से मिलकर बच्चा गोद लेने की इच्छा व्यक्त किया। सीएमएस ने उन्हें वन स्टॉफ सेंटर जाकर गोद लेने की प्रक्रिया की जानने की सलाह दी। कहा कि गोद कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए ही लिया जा सकता है। मेडिकल कालेज गोद देने के लिए अधिकृत नहीं है।