देवरिया,निज संवाददाता। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर कौशल
देवरिया,निज संवाददाता। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्र के निधन पर गुरुवार को शहर के श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमें उन्हें श्रद्धांजलि दिया गया।
देवरिया जिले के भाटपार रानी तहसील के बनकटा मिश्र गांव के रहने वाले कौशल किशोर मिश्र काशी हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातक और परास्नातक में गोल्ड मेडलिस्ट रहे। वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष और सामाजिक विज्ञान संकाय के संकाय प्रमुख रहे थे। प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्र कुछ वर्ष पूर्व ही सेवानिवृत्त हुए थे। उनके फेफड़ों में संक्रमण के कारण गुरुवार को उनका वाराणसी में निधन हो गया।
पिछले वर्ष नगर पालिका सभागार में आयोजित मालवीय जयंती के अवसर पर प्रोफेसर मिश्रा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे, जहां उन्होंने “काशी हिंदू विश्वविद्यालय के 100 वर्षों इतिहास में देवरिया का योगदान विषय पर व्याख्यान दिया था। अपने उद्बोधन में उन्होंने देवरिया की शैक्षणिक विरासत और विश्वविद्यालय में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उनके इस व्याख्यान ने सभी श्रोताओं को प्रेरित किया और उनकी विद्वता की छाप छोड़ी।
उनके असमय निधन पर देवरिया के पूर्व छात्रों और काशी हिंदू विश्वविद्यालय के परिवार ने गहरा शोक व्यक्त किया। भारत अध्ययन केंद्र के छात्र सुमित राय ने कहा कि प्रोफेसर मिश्रा का निधन न केवल काशी विश्वविद्यालय बल्कि पूरे अकादमिक जगत के लिए एक बड़ी क्षति है।
उन्होंने 60 से अधिक शोधार्थियों का मार्गदर्शन किया और दो दर्जन से अधिक पुस्तकों की रचना की। उनका मार्गदर्शन हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा। हिंदी विभाग के शोधार्थी अमूल्य रत्न तिवारी ने कहा कि पूज्य गुरु हमेशा अपने छात्रों के लिए मददगार रहे, और उनके शिक्षण और अनुभवों को हम कभी नहीं भूल पाएंगे। उनका निधन हमारे लिए अपूरणीय है।
श्रद्धांजलि सभा का आयोजन देवरिया के पूर्व छात्रों द्वारा किया गया, जो काशी हिंदू विश्वविद्यालय से जुड़े रहे हैं। प्रोफेसर मिश्रा के योगदान और शिक्षा के प्रति उनके समर्पण को हमेशा याद रखा जाएगा। उनका निधन शैक्षणिक जगत में एक युग के अंत के समान है, श्रद्धांजलि सभा में गौरव यादव, पवन सिंह, श्रीनेत्र, आनंद शाही, अजातशत्रु त्रिपाठी आदि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उपस्थित रहे।