देवरिया, निज संवाददाता। महर्षि देवरहा बाबा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय की ओपीडी में सोमवार
देवरिया, निज संवाददाता। महर्षि देवरहा बाबा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय की ओपीडी में सोमवार को रोगियों की भारी भीड़ रही। हालात यह रहे कि कक्ष में अधिक लोगों के घुस जाने से एक डॉक्टर अपना चैंबर छोड़कर भाग खड़े हुए। बाद में भीड़ के बाहर निकलने पर वह पुन: रोगियों का इलाज करना शुरू किए।
मेडिकल कालेज में सुबह से रोगियों का आना जारी रहा। आठ बजे पंजीकरण काउंटर खुलने तक पंजीकरण हाल में भीड़ खचाखच भर गया। पर्ची कटते ही रोगी पहले दिखाने के फेर में ओपीडी की तरफ भागते नजर आए। मेडिसीन, सर्जरी, आर्थो, चर्मरोग, ईएनटी, नेत्र रोग विभाग की ओपीडी के सामने बड़ी संख्या में रोगियों की कतार लग गई। आर्थो की ओपीडी दो कक्षों 19 व 21 में संचालित हो रही थी। यहां कई रोगी बिना कतार के ही डॉक्टर को दिखाने में सफल रहे।
इसके चलते अन्य लोग भी कतार के अलावा डॉक्टर कक्ष के सामने खड़े हो गए। यहां हाल से निकलकर बाहर शौचालय के साामने तक लोग खड़े होकर अपनी बारी की प्रतीक्षा करते रहे। मूल कतार के बगल में झुंड में लोग खड़े होते रहे। जैसे ही ओपीडी का दरवाजा खुलता धक्का देकर लोग अंदर घुस जाते। कतार में खड़े लोग विवश होकर इसे देखते रहे। मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मी विवश दिखाई दिया। ओपीडी में अचानक घुसती भीड़ से तंग आकर एक बार कक्ष संख्या 19 में बैठे चिकित्सक बाहर निकल गए।
कुछ देर बाद जब रोगी ओपीडी से बाहर आए तब जाकर चिकित्सक ने पुन: रोगियों का परीक्षण शुरू किया। घुसवां रामपुर से आए कृष्णा (14) कबड्डी खेलते समय गिर गए थे। इनके पिता लेकर डॉक्टर को दिखाने आए थे। इन्होंने बाहर से पहले ही एक्सरे करा लिया था। बोले कोहनी में दर्द है। डॉक्टर को दिखाना है। पर एक घंटे से कतार में खड़े हैं। बगल से लोग घुस जा रहे हैं। हमारी लाइन खिसक नहीं रही है। वहीं सोना जायसवाल (48) को कूल्हे में दर्द के चलते परिजन दिखाने लाए थे।
वह दो घंटे से अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रही थीं। मिश्रौलिया के नित्यानंद (20) को सीने की हड्डी व कंधे में दर्द था। वह काफी देर से खड़े थे। इनके साथ आए नीतेश प्रजापति (14) को बांह में गांठ का इलाज कराना था। दोनो लोग आगे पीछे कतार में खड़े थे। इनका कहना था कि वह देखिए बगल वाले जबरन धक्का देकर अंदर चले जा रहे हैं। कोई सुन नहीं रहा है। वहीं छोटी बच्ची सुरभि की बांह में फ्रैक्चर था। उसे लेकर परिजन दो घंटे से डॉक्टर को दिखाने के लिए जूझ रहे थे।
सहजौर लार से आए नंद कुमार (62) को कंधे में दर्द का इलाज कराना था। वह देर से खड़े खड़े परेशान थे। उनका कहना था कि बगल से घुसने वाले बंद हो जाएं तो जल्दी नंबर आ जाता। वहीं सदर ब्लॉक के धमऊर परशुराम से फेंकू (80) पैर में दर्द का इलाज कराने आए थे। वह कतार में खड़े होने से थक गए थे। उनका कहना था कि तीस साल पहले पैर में फ्रैक्चर का इलाज कराया था, अब दर्द कर रहा है। पर यहां तो बगली मारने वालों के चलते नंबर ही नहीं आ रहा है।
तीन हजार से अधिक रोगी पहुंचे ओपीडी
मेडिकल कालेज में सोमवार को तीन हजार से अधिक रोगी ओपीडी में पहुंचे। तीन हजार नए रोगियों के अलावा लगभग पांच सौ पुराने रोगी भी मेडिकल कालेज इलाज कराने पहुंचे। इसके चलते ओपीडी खचाखच भरी रही। वहीं पैथालॉजी व एक्सरे में भी बड़ी संख्या में रोगी कतार में खड़े होकर अपनी बारी की प्रतीक्षा करते रहे।
जिले में डेंगू के दो और मरीज मिले
डेंगू के रोगियों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। अब तक कुल 78 एलाइजा पॉजीटिव रोगी मिल चुके हैं। वर्तमान में छ: रोगी वार्ड में भर्ती हैं। 11 रोगियों को स्वस्थ होने पर घर भेज दिया गया। वहीं दो नए सोमवार को रोगी वार्ड में भर्ती हुए। एक रोगी भटनी की मीरा व दूसरे खोराराम के अजय को मेडिसीन वार्ड में डेंगू की पुष्टि होने पर डेंगू वार्ड में शिफ्ट किया गया।