वाराणसी के 14 मंदिरों से शिरडी के साईं बाबा की मूर्तियां उखाड़कर गंगा नदी में प्रवाहित करने का दावा करने वाले हिन्दूवादी नेता और केंद्रीय ब्राह्मण सभा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अजय शर्मा को पुलिस वाराणसी कोर्ट लेकर गई है और संभावना है कि अगर पुलिस पूछताछ के लिए कस्टडी नहीं मांगती है तो अजय शर्मा को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया जाए। संयोग देखिए कि साईं बाबा की मूर्तियों के खिलाफ अभियान का नेतृत्व कर रहे अजय शर्मा को पुलिस ने गुरुवार के दिन हिरासत में लिया है जिसे साईं भक्त बाबा की पूजा के लिए सबसे शुभ मानते हैं।
सोशल मीडिया पर अजय शर्मा का प्रतिमाओं को बहाने का दावा करने वाला बयान और मंदिर से साईं बाबा की मूर्ति को कपड़ों से ढंककर निकालकर ले जा रहे लोगों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। शर्मा के वीडियो के आधार और अनादमयी मंदिर के महंत की तहरीर पर केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। अधिकारियों के आदेश पर चितईपुर पुलिस ने ऐक्शन लेकर अजय शर्मा को हिरासत में ले लिया है। हिरासत में लेकर पुलिस आगे की कार्रवाई के लिए अजय को कोर्ट ले गई है। शर्मा ने दो दिन पहले काशी के 14 मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमाएं गंगा नदी में बहाने का दावा करते हुए वीडियो जारी किया था। साईं भक्तों ने इसका विरोध किया है।
अजय शर्मा ने जारी वीडियो में कहा था कि साईं बाबा की जगह पर देवी लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित की जाएगी। शर्मा ने दावा किया कि सनातन धर्म में प्रेत पूजा मान्य नहीं है और मंदिरों में जो साईं बाबा की मूर्ति थी वो प्रेत मूर्ति थी। उन्होंने दावा किया था कि मूर्तियों को गंगा में प्रवाहित कर बाबा को मुक्ति दे दी गई है। अजय शर्मा ने दावा किया कि काशी के 14 मंदिरों से मूर्ति हटाई जा चुकी है और बाकी से भी हटाई जा रही है।