फतेहपुर नरसंहार के एक साल बाद भी पीड़ित परिवारों के जख्म भरे नहीं हैं। 2 अक्टूबर 2023 को भूमि विवाद के कारण छह लोगों की हत्या हुई थी। मृतक सत्यप्रकाश दूबे की बेटी शोभिता की तहरीर पर 27 नामजद और 50…
रुद्रपुर(देवरिया), नन्द किशोर गांधी। फतेहपुर नरसंहार के एक साल बाद भी जख्म नहीं भर पाया। गांव में तीन स्थानों पर अभी भी पुलिस का पहरा लगा हुआ है। दो अक्टूबर 2023 को भूमि विवाद को लेकर फतेहपुर के लेड़हा टोला में छह लोगों की निर्मम हत्याएं हुई थी। जिसमें एक पक्ष के मृतक सत्यप्रकाश दूबे की पुत्री शोभिता द्विवेदी की तहरीर पर पुलिस ने 27 नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज की थी। फतेहपुर गांव के अभयपुर टोला के रहने वाले पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचन्द यादव और लेड़हा टोला के रहने वाले सत्यप्रकाश दूबे के बीच भूमि विवाद चल रहा था। रुद्रपुर तहसील के साथ ही दीवानी न्यायालय देवरिया में भी वाद लम्बित था। दो अक्टूबर 2023 की सुबह करीब छह बजे रिमझिम बारिश हो रही थी। इसी बीच प्रेमचन्द यादव अपनी बाइक से अकेले लेड़हा टोला में सत्यप्रकाश दूबे के दरवाजे पर पहुंच गए। जहां प्रेमचन्द यादव की हत्या हो गई। प्रेमचन्द यादव की हत्या के तुरंत बाद आक्रोशित लोग सत्यप्रकाश दूबे के घर पहुंच गए। जहां उनके घर पर भीड़ ने हमला बोल दिया। जिसमें सत्यप्रकाश दूबे, उनकी पत्नी किरन देवी, बेटी सलोनी और नन्दनी के साथ के साथ बेटा गांधी को लोगों ने मौत के घाट उतार दिया। इस घटना में सत्यप्रकाश दूबे का छोटा बेटा अनमोल गंभीर रूप से घायल हो गया था। जिसका पुलिस की सुरक्षा में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज कराया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेडिकल कॉलेज पहुंच कर घायल अनमोल का हॉलचाल लिए थे।
इस हृदय विदारक घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया था। मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर तत्कालीन डीजीपी लॉ एण्ड आर्डर प्रशांत कुमार लेड़हा टोला पहुंचे। जहां उन्होंने स्थिति का जायला लेने के साथ ही घटना की समीक्षा किए थे। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लेड़हा टोला और अभयपुर पहुंच कर दोनों परिवार के मृतकों को श्रद्धांजलि दिए थे। इस घटना के बाद पूरा फतेहपुर गांव पुलिस छावनी बन गया था। घटना के एक साल बाद भी जख्म नहीं भरा है। अभयपुर टोला में प्रेमचन्द यादव के घर और लेड़हा टोला में सत्यप्रकाश के घर के साथ ही अभयपुर जाने वाले रास्ते में काली जी के स्थान के पास पुलिस का पहरा दिन रात रहता है।
आरोपियों को नहीं मिली जमानत, एक की हो गई जेल में मृत्यु :
फतेहपुर नरसंहार के किसी भी आरोपियों को जमानत नहीं मिली है। फतेहपुर नरसंहार में पुलिस ने मृतक सत्यप्रकाश दूबे की बेटी शोभिता द्विवेदी की तहरीर पर 27 नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज की थी। जिसमें पुलिस ने 21 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि चार नामजद लोगों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था। पुलिस ने जांच के दौरान नौ लोगों को और प्रकाश में लाया था। जिससे नामजद आरोपितो की संख्या बढ़कर 36 हो गई थी। जिसमें पुलिस ने मृतक प्रेमचन्द यादव के पिता रामभवन यादव, छोटे भाई रामजी यादव, चाचा गोरख यादव व वाहन चालक नवनाथ मिश्र उर्फ पट्टू सहित 21 लोगों को पकड़ कर न्यायालय के निर्देश पर जेल भेज दिया। चार नामजद लोगों ने न्यायालय में आत्मसर्पण कर दिया था। जिसमें लेड़हा टोला के रहने वाले अमरनाथ तिवारी की पांच माह पहले जेल में मौत हो चुकी है।
गांव में रहने की हिम्मत नहीं जुटा पाए सत्यप्रकाश दूबे के बेटे :
फतेहपुर नरसंहार के बाद मृतक सत्यप्रकाश दूबे के बेटे देवेश दूबे गांव में रहने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। वह पुलिस के संरक्षण में कभी कभार गांव अपनी खेती बारी कराने के लिए आते हैं। फतेहपुर नरंहार में सत्यप्रकाश दूबे की पत्नी, दो बेटियों और एक बेटे की मौत हो गई थी। बड़ा बेटा देवेश दूबे पुरोहितों के साथ पूजन अर्चन कराने के लिए बलिया गया था, जिससे उसकी जान बच गई थी। पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच देवेश ने ब्रह्मभोज और श्राद्धकर्म किया था। महीनों की इलाज के बाद छोटे बेटे अनमोल की जान बची थी।