मध्य प्रदेश के बैतूल और सागर जिलों में मंगलवार को अलग-अलग घटनाओं में जन सुनवाई के दौरान अधिकारियों के दफ्तर पहुंची दो महिलाओं ने आत्महत्या की कोशिश की। जानें इन महिलाओं ने क्या आरोप लगाए हैं।
मध्य प्रदेश के बैतूल और सागर जिलों में मंगलवार को अलग-अलग घटनाओं में जन सुनवाई के दौरान तब हड़कंप मच गया जब दो महिलाओं ने आत्महत्या की कोशिश की। पुलिस ने बताया कि एक महिला ने बैतूल के पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में जहर खा लिया, जबकि सागर जिले में एक अन्य महिला ने खुद पर तेल उड़ेल लिया। महिला खुद को आग लगा पाती उससे पहले ही उसको आसपास मौजूद कर्मचारियों ने रोक लिया गया।
बता दें कि पूरे मध्य प्रदेश में जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों के दफ्तरों में हर मंगलवार को जन सुनवाई आयोजित की जाती है। शिकायत लेकर आई एक महिला ने बैतूल में पुलिस अधीक्षक (एसपी) के कार्यालय में जहरीला पदार्थ खा लिया। एसपी निश्चल झारिया ने बताया कि उसे अस्पताल ले जाया गया और उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है। महिला ने 24 अगस्त को चार लोगों के खिलाफ और 16 सितंबर को दो अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
एसपी निश्चल झारिया ने बताया कि दोनों मामलों में जांच पूरी हो चुकी है और जल्द ही अदालत में चालान या चार्जशीट पेश की जाएगी। महिला ने आरोप लगाया कि उसे कुछ लोग परेशान कर रहे हैं। यही नहीं वन विभाग ने उसकी झोपड़ी को अतिक्रमण कर बनाया गया बताया। उसने आरोप लगाया कि जमीन का फर्जी पट्टा तैयार किया गया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि यदि उसके आरोप सही पाए गए तो आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं सागर में खुद पर पेट्रोलियम पदार्थ डालने वाली महिला ने आरोप लगाया कि वह आठ साल से मार्कशीट में अपना उपनाम बदलवाना चाहती है, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी उसकी शिकायत नहीं सुन रहे हैं। महिला का नाम उसके सभी अंकपत्र में राधा सौर दर्ज है जिसे वह यादव करवाना चाहती है। हाईकोर्ट ने इस साल अप्रैल में सचिव को इस संबंध में निर्णय लेने का निर्देश दिया था। अधिकारी का कहना है कि उनके स्तर पर जाति का नाम नहीं बदला जा सकता।