राज्य में बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए गृह मंत्रालय ने पटना में बैठक बुलाई। जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने की। नित्यानंद राय ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत कार्यों पर जोर है। NDRF की टीमें तैनात हैं। बाढ़ प्रबंधन के लिए केंद्र ने 11500 करोड़ दिए हैं।
नेपाल में भारी बारिश के चलते गंडक और कोसी नदी उफान पर है। जिसके चलते कई जिले बाढ़ की चपेट में है। रविवार को राज्य में बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए गृह मंत्रालय ने पटना में अहम बैठक बुलाई। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने की। जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए हैं, जो बाढ़ से निपटने और राहत कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। पटना के राजकीय अतिथिशाला में हुई बैठक में बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत कार्यों को तेज करने पर विशेष जोर दिया गया है।
समीक्षा बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर है। लेकिन राज्य और केंद्र सरकार नजर बनाए हुए है। जिलों में 11 एनडीआरएफ की टीमें मुस्तैद हैं। इसके अलावा 3 टीमें बिहटा, 3 टीमें वाराणसी और दो टीमें झारखंड में रिजर्व है।
इसके अलावा पुरी और बंगाल में भी टीमें रिजर्व है। जरूरत पड़ने पर बुलाई जाएंगी। नित्यानंद ने कहा कि जरूरत पड़ने पर केंद्रीय टीम बिहार का भी दौरा करेगी। बाढ़ प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार ने 11500 करोड़ दिए हैं। नेपाल में डैम बनाने के लिए डीपीआर तैयार है। और नेपाल सरकार से बातचीत भी जारी है।
नेपाल में भारी बारिश के चलते गंडक और कोसी नदी उफान पर है। जिसके चलते कई जिले बाढ़ की चपेट में है। रविवार को राज्य में बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए गृह मंत्रालय ने पटना में अहम बैठक बुलाई। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने की। जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए हैं, जो बाढ़ से निपटने और राहत कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। पटना के राजकीय अतिथिशाला में हुई बैठक में बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत कार्यों को तेज करने पर विशेष जोर दिया गया है।
समीक्षा बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर है। लेकिन राज्य और केंद्र सरकार नजर बनाए हुए है। जिलों में 11 एनडीआरएफ की टीमें मुस्तैद हैं। इसके अलावा 3 टीमें बिहटा, 3 टीमें वाराणसी और दो टीमें झारखंड में रिजर्व है।
इसके अलावा पुरी और बंगाल में भी टीमें रिजर्व है। जरूरत पड़ने पर बुलाई जाएंगी। नित्यानंद ने कहा कि जरूरत पड़ने पर केंद्रीय टीम बिहार का भी दौरा करेगी। बाढ़ प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार ने 11500 करोड़ दिए हैं। नेपाल में डैम बनाने के लिए डीपीआर तैयार है। और नेपाल सरकार से बातचीत भी जारी है।
बिहार सरकार से लगातार केंद्रीय गृह मंत्रालय संपर्क बनाए हुए है। प्रधानमंत्री का निर्देश हुआ है कि बिहार सरकार से लगातार संपर्क स्थापित करके बिहार की हरसंभव सहायता दी जाए। आपको बता दें गंडक और कोसी में उफान के चलते उत्तर बिहार के ज्यादातर जिलों में बाढ़ जैसे हालात है। सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है।
करीब डेढ़ लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। जिन्हें सुरक्षित स्थानों पर शरण दी गई है। हालांकि अब नेपाल में बारिश थमने से गंडक और कोसी दोनों नदियों के जलस्तर में कमी आई है। अगले एक-दो दिनों में तेजी से जलस्तर के घटने की उम्मीद है।