धनबाद को ट्रांसमिशन लाइन बिछाने की एनओसी नहीं मिलने के कारण डीवीसी की बिजली पर निर्भर रहना होगा। पतरातू थर्मल पावर प्लांट से दिसंबर में बिजली की सप्लाई शुरू होगी, लेकिन तब तक लोगों को बिजली कटौती का…
धनबाद, संवाददाता। ट्रांसमिशन लाइन बिछाने की एनओसी नहीं देने के कारण धनबाद को कुछ माह और डीवीसी की बिजली पर ही निर्भर रहना पड़ेगा। पतरातू थर्मल पावर प्लांट से दिसंबर में बिजली की सप्लाई शुरू होगी। फिलहाल धनबाद को इससे लाभ नहीं मिलेगा। वन विभाग ने ट्रांसमिशन लाइन बिछाने की एनओसी नहीं दी है, जबकि दो साल पूर्व में ही पुटकी और महुदा ग्रिड बनकर तैयार है। दोनों ग्रिड चालू होने से पतरातू की बिजली धनबाद को मिलती। इससे लोगों को पर्याप्त बिजली मिलने की संभावना बढ़ जाती। डीवीसी की बिजली कटौती से 32 लाख आबादी परेशान: जिले में करीब 32 लाख की आबादी है, जहां डीवीसी की बिजली आपूर्ति हो रही है। पतरातू थर्मल पावर प्लांट की क्षमता चार हजार मेगावाट है। पहली यूनिट दिसंबर में चालू हो रही है, जहां से आठ सौ मेगावाट बिजली आपूर्ति की जाएगी। पुटकी और महुदा ग्रिड चालू होने से धनबाद को बिजली मिलती। साथ ही चास और बोकारो को भी लाभ मिलता। इससे लोगों को पर्याप्त बिजली मिलने की संभावना बढ़ती है। साथ ही डीवीसी की निर्भरता में कमी आ जाती। बता दें कि डीवीसी से जेबीवीएनएल का छह सौ मेगावाट का करार है। डीवीसी अपने कमांड एरिया धनबाद, बोकारो, कोडरमा, हजारीबाग, चतरा, रामगढ़, गिरिडीह में बिजली आपूर्ति कर रही है। इन दिनों डीवीसी की बिजली कटौती से हर कोई परेशान है। दुर्गा पूजा आ रही है। ऐसे समय में डीवीसी ने लोडशेडिंग बढ़ा दी है। वहीं जेबीवीएनएल भी पूजा को लेकर मेटेनेंस में जुटा है। हर दिन पांच से छह घंटे बिजली की कटौती कर रहा है। सरायढेला क्षेत्र में सोमवार को छह घंटे बिजली कटौती की गई, जिससे लोग पूरी तरह से परेशान हो गए। लगातार इतनी देर तक बिजली नहीं रहने से इंवर्टर की बैट्री भी डिस्चार्ज हो गई, जिससे लोगों की परेशानी और बढ़ गई। घर के बाहर तेज धूप और घर के अंदर बिजली गुल से लोग पसीने-पसीने हो गए।