धनबाद में बीसीसीएल अधिकारियों के खिलाफ फायरिंग मामले में अदालत ने ठेकेदारों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। अभियोजन के गवाहों के बयान विरोधाभासी रहे और किसी ने आरोपियों को घटना करते नहीं देखा।…
धनबाद, प्रतिनिधि सीबीआई के निर्देश पर कुसुंडा एरिया के आदर्श नगर शिमलाबहाल में सड़क मापी के लिए पहुंचे बीसीसीएल अधिकारीयों में दहशत फैलाने के उद्देश्य से फायरिंग करने के मामले के शुक्रवार को अदालत ने फैसला सुनाया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुजीत कुमार सिंह की अदालत ने मामले के नामजद आरोपी ठेकेदार एलबी सिंह, उनके भाई कुंभनाथ सिंह, भरत सिंह, ओमप्रकाश सिंह एवं मिथिलेश सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। बचाव पक्ष की ओर से यह दलील दी गई थी कि अभियोजन के सभी गवाहों के बयान विरोधाभासी थे, किसी ने घटना करते आरोपियों को नहीं देखा था। केवल संदेह पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया।
प्राथमिकी कुसुंडा एरिया नंबर छह के कनीय अभियंता विनय कुमार ठाकुर की शिकायत पर झरिया थाना में 30 जून 2012 को दर्ज की गई थी। प्राथमिकी के मुताबिक सीबीआई ने बीसीसीएल के 26 कार्यस्थल का निरीक्षण करने का निर्देश दिया था। आदेश पर गठित टीम में बीसीसीएल के मुख्य प्रबंधक आरपी सिंह, प्रबंधक डीके सिंह, विमल प्रसाद पाठक इंजीनियर, डीएन सिंह इंजीनियर, एसके झा सीबीआई इंस्पेक्टर एवं मुख्य प्रबंधक सिविल विजिलेंस बीएन कुमार शामिल थे। टीम कार्यस्थल निरीक्षण एवं मापी करने के लिए आदर्श नगर शिमलाबहाल शिव मंदिर के पास पहुंची। आरोप है कि वहां टीम ने काम शुरू किया, कॉलोनी की ओर से चार-पांच युवक गोली चलाते हुए आए और फायरिंग की। इसके बाद अधिकारी किसी तरह से वहां से जान बचाकर भागे थे। पुलिस ने अनुसंधान के बाद 5 दिसंबर 2017 को आरोप पत्र दायर किया था। 26 नवंबर 2018 को आरोप तय होने के बाद सुनवाई शुरू हुई थी। इस दौरान अभियोजन ने पांच गवाहों का परीक्षण कराया था।