संवाददाता। मिथिलेश कुमार भारद्वाज।
सोनभद्र। राबर्ट्सगंज के रामलीला मैदान में महात्मा फुले फाउंडेशन के बैनर तले अमर शहीद क्रांतिकारी नेता भारत लेनिन के नाम से मशहूर बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा जी की 51वीं शहादत दिवस सम्मेलन समाजसेवी सुमन्त सिंह मौर्य की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ बाबूजी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर मुख्य अतिथिद्वय जन अधिकार पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव डा0 सुषमा मौर्य व राबर्ट्सगंज लोकसभा सदस्य माननीय छोटेलाल सिंह खरवार ने किया। उपस्थित जनों ने बाबा साहब का सपना ही, जगदेव तुम्हारा नारा है। सौ में नब्बे शोषित है, नब्बे भाग हमारा है। के नारे के साथ जोरदार आगाज किये। उक्त अवसर पर मुख्य अतिथि डा0 सुषमा मौर्य राष्ट्रीय महासचिव जन अधिकार पार्टी ने कहा कि बाबू जगदेव जी का संघर्ष सिर्फ सत्ता परिवर्तन का नही था उनका संघर्ष सत्ता परिवर्तन के साथ ही साथ व्यवस्था परिवर्तन का था। भारत के गरीबो पिछड़ों के लिए पूंजीवादी व साम्यवाद दोनों को खतरनाक मानते थे वो समतामूलक समाज की स्थापना के लिए समाजवादी विचारधारा को स्थापित कराना चाहते थे।उन्होंने जमीदारों द्वारा लागू की गयी पंचकठिया प्रथा के सख्त विरोधी थे और अपने अदम्य साहस और पुरुषार्थ से इसको बन्द कराये थे। इन्होंने भारतीय समाज को दो भागों में विभाजित किया एक शोषक समाज था जिनकी संख्या देश मे 10 प्रतिशत है वही दूसरा शोषित समाज है जिनकी संख्या 90 प्रतिशत है ये 10 प्रतिशत वाले 90 प्रतिशत पर राज कर रहे है इसलिये उन्होंने कहा कि 10 का शाशन नब्बे पर नही चलेगा नही चलेगा। सौ में नब्बे शोषित है, शोषितों ने ललकारा है, धन, धरती और राजपाट में नब्बे भाग हमारा है। लोकसभा सांसद छोटेलाल सिंह खरवार ने कहा कि जिस प्रकार से दक्षिण में पेरियार ई. वी. रामासामी नायकर, महाराष्ट्र में ज्योतिवा राव फुले, सावित्री बाई फुले और बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर ने किया वही काम बिहार और उत्तरप्रदेश में बाबू जगदेव जी समतामूलक समाज की स्थापना और मानववाद की ऐसी स्थापना चाहते थे जिसमें न कोई ऊंचा हो और न कोई नीचा हो, बाबू जगदेव आडम्बर व पाखंड के भी पुरजोर विरोधी थे इसीलिए इन्होंने अर्जक संघ की स्थापना कर लोगो को अंध विश्वास व अंध श्रद्धा से बाहर निकलने का अभियान चलाये। हक़ हिस्सेदारी प्राप्त करने के लिए संघर्ष करने को प्रेरित किये क्योंकि वो कहा करते थे कि समन्वय से शोषकों को फायदा होता है जबकि संघर्ष से शोषितों का भला होता है इसलिये उठो लड़ो और जमीन, धन-दौलत की तर्ज पर सत्ता हड़पो तभी तुम्हारा भला हो सकेगा क्योंकि सत्ता से ही अपनी बिगड़ी बना सकते हो। मुख्यवक्ता एच0 आर0 मौर्य ने कहा कि बाबू जगदेव जी के आंदोलन का परिणाम है कि आज शोषक समाज के लोग देश प्रदेश की राजनीति की मुख्य धारा में अपनी भागीदारी के लिए जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे है, तमिलनाडु के बाद विहार राज्य में 60 फीसदी से ऊपर का आरक्षण लागू हो पाया है लेकिन बहुत से भाजपा शाषित राज्यो में पिछड़ो का आरक्षण अभी 14 से ऊपर नही दिया जा सका है और लागू किस हद तक हुआ है आप समझ सकते है इसलिए अपना मित्र और शत्रु की पहचान करनी पड़ेगी, आज का शहीद दिवस अधिकार दिवस के रूप में में मन रहे है तो हमे अधिकार पाने के लिए बिना रुके बिना झुके बिना टूटे अनवरत संघर्ष करना होगा यही एकमात्र हम शोषितों के यहां रास्ता है।अतिविशिष्ट अतिथि डॉ0 लोकपति सिंह पटेल ने कहा कि तथागत बुद्ध ने कहा कि अपना दीपक स्वयं बनो। इसलिए हम सबका भला दूसरा कोई शोषक नही कर सकता हमें खुद अपने हक़ अधिकार के लिए आगे आना होगा अपना नेतृत्व खुद करना होगा शोषितों का भला केवल शोषित नेतृत्व ही कर सकता है।
कार्यक्रम आयोजक डॉ0 भागीरथी सिंह मौर्य व सयोंजक आदित्य मौर्य ने आये हुए सभी सम्मानित अतिथियों व उपस्थित जनों का स्वागत अभिनंदन व खैरमकदम करते हुए सभी का आभार प्रकट किये और आये हुए मुख्य अतिथि व मुख्यवक्ता, अतिविशिष्ट अतिथि व विशिष्ट अतिथि गणों का स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्रम भेंट कर सम्मानित करते हुए कहे कि आज हम सब जिस महापुरुष के शहादत दिवस पर इकठ्ठा हुए है यहाँ से एक संकल्प लेकर हम सभी को जाना है कि हम महापुरुषों के संघर्षों के पथ पर आगे बढ़ेंगे और उनको सपनो को संघर्षों को मंजिल तक पहुचाने का भरसक प्रयास करेंगें। सम्मेलन का संचालन रविरंजन शाक्य ने किया। इस अवसर पर सेवानिवृत्त पुलिस उपाधीक्षक शिवकुमार वर्मा, किशोरी सिंह, एडवोकेट अशोक कुमार, डॉ0 ओ पी मौर्य, जिला पंचायत सदस्य मालती देवी व उषा भारती, सतीश चंद्र मौर्य, सत्यनारायण गौण, संजय मौर्य, रंचरित्तर सोनकर, रानी सिंह, मंगला मौर्य, जितेंद्र सिंह,कृष्णा मौर्य, लक्ष्मी पटेल सहित हजारो लोग उपस्थित रहे।