मध्य प्रदेश के महू में दो आर्मी अफसरों के साथ मारपीट और महिला मित्र का रेप करने के मामले में पुलिस ने छह में से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बचे हुए तीन को पकड़ने के लिए टीमें लगाई गई हैं। चारों का मेडिकल कराया गया है जिसकी रिपोर्ट आ गई है।
मध्य प्रदेश के महू में सेना के दो अफसरों के साथ मारपीट और उनकी एक महिला मित्र के साथ रेप करने के आरोप में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। तीन को पकड़ने की कोशिश जारी हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि अनिल बरोर (27) और पवन बंसुनिया (23) को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, एक अन्य आरोपी रितेश भाभर (25) को गुरुवार रात गिरफ्तार किया गया।
आरोपियों की गिरफ्तारी तब हुई है जब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा और पार्टी द्वारा शासित राज्यों में ‘अस्तित्वहीन’ कानून-व्यवस्था का आरोप लगाया। पुलिस सुपरिटेंडेंट (ग्रामीण) हितिका वासल ने पीटीआई को बताया कि भाभर पर घटना के दौरान दो सैन्य अधिकारियों और उनकी दो महिला मित्रों को पिस्तौल दिखाकर धमकाने का आरोप है, जबकि अन्य आरोपी लाठी लेकर आए थे।
क्या है मामला
पुलिस ने बताया कि महू सैन्य छावनी से करीब 30 किलोमीटर दूर लोकप्रिय पर्यटन स्थल जाम गेट के पास बुधवार तड़के हुई इस घटना के सिलसिले में कुल छह आरोपियों की पहचान कर ली गई है। एसपी ने बताया, ‘तीनों फरार आरोपियों की तलाश में कई टीमें लगी हुई हैं और उनमें से किसी के बारे में भी सूचना वाले को 10,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है।’ 23 और 24 साल के आर्मी अफसर अपनी दो महिला मित्रों के साथ पिकनिक मनाने के लिए गए थे। दोनों इन्फैंट्री स्कूल में यंग ऑफिसर्स कोर्स कर रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि आरोपी रात करीब 2 बजे पिकनिक स्पॉट पर पहुंचे और कार में बैठे एक अधिकारी और उसकी महिला मित्र पर हमला कर दिया। शोर सुनकर पहाड़ी पर बैठे दूसरे अधिकारी और उनकी महिला मित्र मौके पर पहुंचे। बाद में पुलिस के मौके पर आने पर सेना के अधिकारियों और उनकी महिला मित्रों को महू सिविल अस्पताल लाया गया।
मेडिकल रिपोर्ट में क्या मिला
पीटीआई ने एक अधिकारी के हवाले से बताया कि मेडिकल जांच में पुष्टि हुई है कि महिलाओं में से एक के साथ रेप हुआ था। अधिकारी की शिकायत के आधार पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 70 (सामूहिक बलात्कार), 310-2 (डकैती), 308-2 (जबरन वसूली) और 115-2 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, पीड़ित महिला ने अभी तक अपना बयान नहीं दिया है।
द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि चारों को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया था। सेना के दो अधिकारियों को चोट तो आई हैं, लेकिन वे गंभीर नहीं हैं। महिला, जिसके साथ रेप होने का शक है, उसके शरीर पर खरोंच के निशान सहित कई चोटें हैं। हालांकि, मेडिकल रिपोर्ट में रेप या गैंगरेप की स्पष्ट पुष्टि नहीं हुई है।
एडिशनल पुलिस सुपरिटेंडेंट रूपेश द्विवेदी ने बताया, ‘हम मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर भी यह निष्कर्ष नहीं निकाल सकते कि महिला के साथ रेप या गैंगरेप हुआ है, जब तक कि वह खुद ऐसा न कहे। हमने यह सुनिश्चित करने के लिए धारा लगाई है कि अगर वह इसे लेकर बयान दर्ज कराती हैं, तो ये धाराएं लागू हो सकती हैं। आर्मी अफसर को शक है कि उसकी महिला मित्र का रेप हुआ है। लेकिन महिला ने अपना बयान दर्ज कराने से इनकार कर दिया है। हमने फिलहाल रेप की धाराएं लगाई हैं, लेकिन यह तभी लागू होंगी जब महिला बयान देगी।’