देवरिया, निज संवाददाता। महर्षि देवरहा बाबा स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय के अस्पताल में औषधि वितरण अब कम्प्यूटर पर दर्ज होगा। इसके लिए बुधवार को मेडिकल कालेज की टीम ने काउंटरों का सर्वे किया। इसके लग जाने से रोगियों को सहूलियत होगी। हर दवाई का पूरा हिसाब कालेज प्रशासन के पास फौरन उपलब्ध रहेगा।
मेडिकल कालेज में प्रतिदिन औसतन तीन हजार रोगी आ रहे हैं। इनको अस्पताल से नि:शुल्क औषधियां दी जाती हैं। इसके लिए कालेज प्रशासन ने छ: काउंटर बनाए हैं। इन औषधियों को फार्मासिस्ट की देखरेख में ट्रेनी व आउटसोर्सिंग के फार्मासिस्ट वितरित करते हैं। सभी काउंटरों पर लंबी कतारें लगती हैं। अभी तक इन औषधियों को वितरित करने के बाद डॉक्टर द्वारा दी गई छोटी पर्ची को बतौर रिकार्ड रख जाता रहा है। पर अगले सप्ताह से इस व्यवस्था में परिवर्तन होने जा रहा है। अब डॉक्टर की पर्ची पर लगे क्यूआर कोड को काउंटर पर बैठे कर्मचारी पहले स्कैन करेंगे। इससे पर्ची पर लिखे सीआर नंबर और रोगी का नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि पूरा विवरण कम्प्यूटर पर लगे साफ्टवेयर पर प्रदर्शित होने लगेगा। इसके बाद पर्ची पर लिखी दवा को रोगी के कम्प्यूटर वाली पर्ची पर अंकित किया जाएगा। विवरण अंकित होने के बाद रोगी को संबंधित औषधियां दी जाएंगीं। इससे किस रोगी को कितनी दवा, कितने दिन के लिए दी गई, इसका पूरा हिसाब कालेज प्रशासन के पास आनलाइन उपलब्ध रहेगा। इससे प्रतिदिन काउंटर बंद होने के बाद स्टॉक का मिलान आसानी से और फौरन हो सकेगा। वहीं दवा की खपत का रूझान भी मिल सकेगा। इससे स्टोर से एडवांस में दवा मंगाने में आसानी होगी।
चिकित्सकों की टीम ने किया काउंटर का दौरा
मेडिकल कालेज के विभिन्न जिम्मेदार चिकित्सकों ने सभी औषधि वितरण काउंटरों का बुधवार को निरीक्षण किया। काउंटर पर कहां और किस प्रकार से कम्प्यूटर लगाए जाएंगे। कम्प्यूटरों को सीलन और सुरक्षा की दृष्टि से कैसे संरक्षित किया जाएगा। इस पर भी टीम ने विचार विमर्श किया। इसका कनेक्शन और अन्य जरुरतों पर चर्चा की गई। सब कुछ सही रहा तो सोमवार से काउंटर कम्प्यूटरीकृत हो जाएगा। इसमें प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजीत पाल व काउंटर प्रभारी डॉ. संजय भट्ट शामिल रहे।
पुराने पूर्वी काउंटर पर ही संचालित हों सकते सभी छ: काउंटर
पुराने जिला अस्पताल भवन में स्थित छ: काउंटरों में से पश्चिम तरफ बने दो काउंटर बंद किए जा सकते हैं। इसके कक्ष की दशा कम्प्यूटर रखे जाने योग्य नहीं है। इसके कक्ष का एक दरवाजा टूटा हुआ है। प्लास्टर उखड़े हुए हैं। छत भी सुरक्षित नहीं है। कक्ष में सीलन है। इसे किसी तरह जुगाड़ से संचालित किया जा रहा है। कम्प्यूटर लगने की दशा में इस काउंटर को बंद कर पूर्वी तरफ के चार काउंटरों में ही दो और काउंटर बढ़ाए जाने की संभावना है। यह कक्ष के दक्षिण तरफ खुल सकते हैं। हालांकि इस पर अभी विचार किया जा रहा है। अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है।
बोले मुख्य चिकित्सा अधीक्षक
औषधि वितरण काउंटर पर कम्यूटर लगाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। इसको सभी छ: काउंटरों पर लगाया जाना है। शीघ्र ही यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। इससे किस रोगी कितनी दवा और कितने समय के लिए दी गई, इसका पूरा विवरण कम्यूटर पर उपलब्ध रहेगा। हर काउंटर पर पर्ची की स्कैनिंग के लिए क्यूआर कोड स्कैनर भी लगाया जाएगा। इससे कर्मचारियों को आसानी होगी।
– डॉ. एचके मिश्र, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक
महर्षि देवरहा बाबा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय।