यूपी के पूर्व सिंचाई मंत्री एवं रालोद के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मैराजुद्दीन अहमद ने मंगलवार को पार्टी से नाता तोड़ लिया। इससे रालोद को बड़ा झटका लगा है। डॉ. मैराजुद्दीन ने इस्तीफे का पत्र पार्टी सुप्रीमो एवं केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी को भेजा है। हालांकि डॉ. मैराजुद्दीन अहमद ने अपने अगले कदम की घोषणा नहीं की है।
डॉ. मैराजुद्दीन अहमद ने जयंत को भेजे पत्र में कहा कि जयंत चौधरी अपने दादा और पिता व पार्टी की विचारधारा से भटक गए हैं। किसानों, दलितों और अल्पसंख्यकों पर ज्यादती हो रही है, इसके बावजूद पार्टी और जयंत खामोश हैं।
बागपत से चौधरी अजित सिंह के सामने लड़े थे मैराजुद्दीन
मुस्लिम राजनीति में बड़ा कद रखने वाले डॉ. मैराजुद्दीन अहमद वर्ष 1998 के लोकसभा चुनाव में चौधरी अजित सिंह के सामने सपा के टिकट पर बागपत से लड़े थे। इस चुनाव में डॉ. मैराजुद्दीन अहमद की वजह से चौधरी अजित सिंह चुनाव हार गए थे। उस चुनाव में भाजपा के सोमपाल शास्त्री जीत गए थे। इसके बाद डॉ. मैराजुद्दीन अहमद, चौधरी अजित सिंह के नजदीक चले गए और सपा-रालोद गठबंधन सरकार में प्रदेश में सिंचाई मंत्री बने थे।
मुस्लिम नेताओं के पार्टी छोड़ने से मचा हड़कंप
पूर्व राज्यसभा सांसद शाहिद सिद्दीकी के पार्टी छोड़ने के बाद अब डॉ. मैराजुद्दीन अहमद के पार्टी छोड़ने पर पार्टी में हड़कंप मचा है। डॉ. मैराजुद्दीन ने पार्टी छोड़ने के पीछे संगठन में एक बड़े पदाधिकारी की हरकतों को बताया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जयंत चौधरी से कई बार शिकायत की गई लेकिन स्थिति नहीं सुधरी।
कांग्रेस में जाने के दिए संकेत
डॉ. मैराजुद्दीन अहमद ने रालोद छोड़ने के बाद कांग्रेस के साथ जाने के संकेत दिए हैं। हालांकि उन्होंने इस संबंध में समर्थकों के साथ बैठक करने और उनकी सहमति के बाद ही कोई पार्टी ज्वाइन करने की बात कही है।