यूपी के कानपुर में एक बार फिर महापौर प्रमिला पांडेय का नाराजगी भरा अंदाज देखने को मिला। सोमवार को नवीन मार्केट के सामने बन रही मेट्रो की सड़क पर चौड़ा फुटपाथ देख मेयर का पारा चढ़ गया। उन्होंने फुटपाथ पर बुलडोजर चलवा दिया। मौके पर मौजूद मेट्रो के ठेकेदार से बोलीं-पूरे शहर को मेट्रो ने नाश कर दिया है।
दरअसल, सोमवार दोपहर नवीन मार्केट के सामने से गुजर रहीं महापौर की गाड़ी जाम में फंस गई। उनकी गाड़ी से एक वाहन टकराते बचा। इस पर वह कार से उतर आईं और मेट्रो के लोगों पर भड़क पड़ीं। मेट्रो द्वारा कराए जा रहे काम का रुकवाते हुए वहां मौजूद ठेकेदार से वर्क आर्डर दिखाने के लिए कहा। न दिखाने पर मेयर का पारा और चढ़ गया। पास में ही खड़े मेट्रो के बुलडोजर के चालक को बुलाया और फुटपाथ बुलडोजर से तुड़वा दिया। मेयर ने मौके पर देखा कि मेट्रो ने छह मीटर चौड़ा फुटपाथ बना दिया है। इससे सड़क सात मीटर बचती है। ट्रैफिक सड़क पर चलेगा तो जाम लगेगा।
मौके पर पहुंचे चीफ इंजीनियर एसएफए जैदी ने भी पाया कि फुटपाथ किनारे छह इंच की पाइप लाइन डाल दी गई। मेयर ने कहा कि बारिश में जलभराव होगा। यहां बड़ी पाइपलाइन की जरूरत थी। वहीं, मेट्रो कार्पोरेशन के जनसंपर्क विभाग के जेजीएम पंचानन मिश्रा ने बताया कि मेयर के एक्शन के बाद उन्होंने कराए जा रहे कामों के दस्तावेज देखे हैं। मानक के मुताबिक काम हो रहा है। स्मार्ट सिटी और नगर निगम से स्वीकृत ड्राइंग पर फुटपाथ बनाया जा रहा है। सड़क सात मीटर नहीं बल्कि 10 मीटर चौड़ी है। मेट्रो कुछ नया काम नहीं कराता है, मेट्रो का काम शुरू होने से पहले की स्थिति के मुताबिक काम कराया जाता है। मेयर अगर काम में बदलाव चाहती हैं तो जिला प्रशासन के निर्देश पर काम कराया जाएगा।
इस मामले पर मेयर का कहना है कि फुटपाथ का निर्माण मानक के अनुरूप नहीं हो रहा था। छह मीटर चौड़ा फुटपाथ करने से सड़क संकरी हो गई थी। इससे जाम लग रहा था। मेट्रो के अफसरों की बैठक कर उनके कामों की समीक्षा की जाएगी।
गोविंद नगर में अवैध रूप से बनीं दुकानें ढहाईं
गोविंदनगर सात ब्लॉक में अवैध रूप से केडीए की जमीन कब्जा कर बनाई गईं चार दुकानों को सोमवार को केडीए की टीम ने हाईकोर्ट के आदेश पर ध्वस्त कर दिया। गोविंदनगर सात ब्लॉक स्थित मेरठ चाट वाली गली में आनंद सिंह का भवन संख्या 81 है। आनंद ने मकान के बगल में खाली पड़ी केडीए की जमीन पर तीन दुकानों का निर्माण कर लिया, इसपर दुकानों के बगल में सुखलाल यादव ने खाली पड़ी जगह में कब्जा कर एक अन्य दुकान का निर्माण कर लिया। आनंद ने हाईकोर्ट में याचिका डाली थी।