आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने 2019 के चुनाव में अपने चुनावी सलाहकार रहे प्रशांत किशोर पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि वाईएसआर कांग्रेस इतनी सीटें जीतने जा रही है जितनी पीके सपने में सोच भी नहीं सकते। जगन मोहन ने मतदान खत्म होने के बाद चुनावी रणनीति बनाने वाली कंपनी आई-पैक के दफ्तर में अपने लिए काम कर रही टीम से ये बातें कही। उन्होंने टीम के लगभग 400 लोगों के बीच कहा कि प्रशांत महत्व नहीं रखते, ये टीम महत्व रखती है और यही टीम 2029 का चुनाव भी देखेगी। प्रशांत आई-पैक के मार्गदर्शक रहे हैं और इसके जरिए जगन मोहन के अलावा नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, अमरिंदर सिंह, अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं के लिए चुनावी काम कर चुके हैं।
आंध्र में चुनाव प्रचार बंद होने के बाद मतदान से एक दिन पहले हैदराबाद के पत्रकार रवि प्रकाश ने प्रशांत किशोर का इंटरव्यू चलाया था जिसमें पीके ने दावा किया था कि जगन मोहन रेड्डी बुरी तरह हारेंगे और पार्टी 151 से 51 सीट पर आ जाएगी। 2019 के विधानसभा चुनाव में जगन की पार्टी को 175 में 151 सीटें मिली थीं। जगन मोहन की पार्टी ने चुनाव आयोग से प्रचार खत्म होने के बाद साइलेंट पीरियड में इंटरव्यू चलाने के लिए रवि प्रकाश और प्रशांत किशोर के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की है।
जगन ने प्रशांत किशोर की चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात और मतदान से एक दिन पहले इंटरव्यू के मद्देनजर आई-पैक टीम से कहा- “जब रिजल्ट आएगा, मैं वादा करता हूं कि पूरा देश आंध्र प्रदेश की तरफ देखेगा। पिछली बार 175 में 151 (विधानसभा) और 25 में 23 बड़ा नंबर था (लोकसभा)। इस बार हम 151 पार करेंगे। हम 21 से ज्यादा जीतेंगे।” जगन ने कहा कि ये आई-पैक की इस टीम की डेढ़ साल की मेहनत है।
आई-पैक की लीडरशिप टीम के साथ प्रशांत किशोर के मतभेद की तरफ इशारा करते हुए जगन मोहन ने कहा- “आई-पैक में काफी तकरार थी। पुराने मेंटर प्रशांत आकर कह गए कि हम हारेंगे। ये विरोधाभास था जिसे लोग नहीं समझते हैं कि ये टीम क्या कर रही है और प्रशांत क्या कर रहे थे। प्रशांत महत्व नहीं रखते, ये टीम महत्व रखती है। जब रिजल्ट आएगा तो पूरा देश देखेगा और नंबर इतने आएंगे जो प्रशांत ने कभी सपने में नहीं सोचा होगा। चुनाव के बाद भी ये टीम काम करेगी, 2029 में भी करेगी।”
याद दिला दें कि प्रशांत किशोर दिसंबर में विजयवाड़ा में जगन मोहन रेड्डी के विरोधी और तेलगुदेशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू से मिले थे। तब पीके ने कहा था कि नायडू मिलना चाहते थे। पीके ने रवि प्रकाश से कहा कि नायडू से उन्होंने कहा था कि ना वो जगन की मदद करेंगे, ना उनकी। हालांकि पीके ने यह माना कि जब नेता मिलते हैं तो बात राजनीति और चुनाव की होती ही है। तब खबरें आई थीं कि नायडू के बेटे नारा लोकेश के साथ चार्टर्ड फ्लाइट से विजयवाड़ा पहुंचे पीके और नायडू की तीन घंटे की मीटिंग में टीडीपी का काम देख रही शो टाइम कंस्लटेंसी के निदेशक रॉबिन शर्मा भी मौजूद थे। सूत्रों के हवाले से दावा किया गया था कि पीके ने जगन की खामियों को पकड़कर नायडू और रॉबिन को रणनीति और प्रचार के मुद्दे तय करने की सलाह दी थी।
प्रशांत किशोर आई-पैक से अलग हो चुके हैं और कंपनी के निदेशकों ऋृषिराज सिंह, प्रतीक जैन और विनेश चंदेल से उनके संबंध पहले जैसे नहीं रहे। प्रशांत किशोर की जन सुराज यात्रा का काम देख रही आई-पैक टीम ने इस साल की शुरुआत में काम बंद कर दिया। टीम के कुछ लोग जन सुराज में रह गए, कुछ लौट गए और कुछ ने दोनों को छोड़ दिया। ये तकरार तब शुरू हुई थी जब जगन का काम देख रही आई-पैक से जुड़े प्रशांत नायडू से मिलने चले गए। आई-पैक के लोगों से प्रशांत ने इसे राजनीतिक मुलाकात बताया था। लेकिन जगन और आई-पैक टीम के मन में ये बात बैठ गई कि प्रशांत नायडू का काम देख रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने रवि प्रकाश से इंटरव्यू में क्या कहा था जो जगन मोहन को चुभ गई?
प्रशांत किशोर ने रवि प्रकाश को इंटरव्यू में कहा था कि जगन मोहन रेड्डी की बड़ी हार होने जा रही है। पीके ने बताया कि एक-डेढ़ साल पहले जगन उनसे दिल्ली में मिले थे तो उनको भी बताया था कि बड़ी हार होगी। पीके ने कहा कि जिस तरह से सरकार चली है, इस बार उनके लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने एक गलती नहीं की, गलतियों की पूरी श्रृंखला है। प्रशांत ने आरोप लगाया था कि जगन अन्नदाता की तरह व्यवहार कर रहे हैं कि लोगों को पैसा मिल ही रहा है। लोकतंत्र में लोग नेता चुनते हैं, अन्नदाता नहीं, राजा नहीं।
पीके ने कहा कि जगन ने ये मान लिया है कि जनता को कुछ नहीं चाहिए, बस कैश ट्रांसफर चाहिए। सड़क बने या ना बने, रोजगार मिले या ना मिले, सीएम मिले या नहीं मिले, कैश मिलता रहे। आई-पैक से संबंधों पर प्रशांत किशोर ने इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने आई-पैक को छोड़ दिया है। उसके बाद आई-पैक के किसी भी दफ्तर में पैर नहीं रखा है। दो साल से बिहार में पैदल चल रहे हैं।