संवाददाता। विशाल गुप्ता।
बीजपुर (सोनभद्र) सरकार के निर्देश पर जहां वन विभाग निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के लिए वन पहाड़ पर बृक्ष लगाकर पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने का कार्य कर रहा हैं वही यहाँ के खनन माफिया विभागीय मिली भगत से उसके विपरीत कार्य कर जंगल पहाड़ को नष्ट करने में लगे हुए है। इससे वन पहाड़ की सौंदर्यता तो बिगड़ ही रहा हैं पर्यावरण पर भी इसका भारी कुप्रभाव पड़ रहा हैं।स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि मिटीहिनी राख बंधे के रखरखाव का कार्य ठेकेदारो द्वारा हमेशा किया जाता हैं और मिटीहिनी गाँव के पास हरे भरे पहाड़ो को पोकलेन मशीन द्वारा काटकर विशाल काय पहाड़ का नामोनिशान समाप्त किया जा रहा है। सप्ताह भर पहले मिटीहनी राख बंन्धे के दवाब के कारण दरके डैम के हिस्से पर रात और दिन ठिकेदार द्वारा कार्य किया जा रहा है जो गांव के पास खूबसूरत पहाड़ी को रात्रि में काटकर धड़ल्ले से किया जा रहा है। पहाड़ी बंधे के समीप होने से इसका भरपूर लाभ ठेकेदार लेकर मालामाल हो रहा हैं वही सरकार के राजस्व को जम कर चपत लगाया जारहा है जिससे पर्यावरण पर इसका कुप्रभाव पड़ रहा है।मजे की बात यह है की विभाग के अधिकारियों के नाक के नीचे पहाड़ कटिंग हो रहा है और ठेकेदार द्वारा कराए गए इस अबैध कार्य को वैध रूप से प्रयोग दिखा कर पहाड़ के बोल्डर मोरम मिट्टी के फर्जी बिल बाउचर आदि लगाकर कागजाती कोरमपूर्ण कर बिल भी भुगतान करा लिया जाता है। मिटीहिनी गाँव के पास जगह जगह काटे गए बड़े बड़े पहाड़ो की उच्च स्तरीय जांच की जाय तो इसमें संलिप्त कई अधिकारी की गर्दन फंस सकती हैं जिसका जीता जागता उदाहरण कटा हुआ पहाड़ आज भी मौके पर अपना दर्द बया कर रहा है।इस बाबत प्रभारी वनाधिकारी रेणुकूट भानेंद्र सिंह ने कहा कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। जबकि रेंजर का कहना है कि एनटीपीसी का काम हो रहा है अगर दो चार गाड़ी मिट्टी ले ही लिया गया तो क्या हो गया ।
सवाल यह है कि क्या एनटीपीसी प्रबंधन को इसकी जानकारी नही है और अगर है तो एनटीपीसी जैसी संस्था विकास के नाम पर विनाश का इतना बड़ा खेल क्यों खेल रही है ।