सोनांचल में कई जगहों पर आदि पत्रकार देवर्षि नारद जी को करेंगे याद।
विश्व संवाद केंद्र काशी द्वारा जिले के कई पत्रकार नारद पत्रकार सम्मान से हो चुके हैं विभूषित।
विशेष संवाददाता।
सोनभद्र । सनातन मान्यता के
अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष प्रतिपदा को देवर्षि नारद जी का जन्म ब्रह्मा जी की गोद में हुआ था ।
तदनुसार 2024 में यह तिथि 24 मई को पड़ रही है । कठिन तपस्या के पश्चात नारद जी को देवर्षि पद प्राप्त हुआ था । भगवान विष्णु के भक्त नारद जी को समाचार का देवता माना जाता है ।
गौरतलब हो कि सृष्टि के संदेश वाहक नारद जी ब्रह्मांड के प्रथम पत्रकार के रूप में पूज्य है । ब्रह्मा जी के सात मानस पुत्रों में से एक नारद जी को लोग विष्णु का अंश भी मानते है । विश्व संवाद केंद्र काशी की ओर से हर वर्ष देवर्षि नारद जयंती पर चुने हुए कलमकारों को नारद सम्मान से सम्मानित किया जाता है । निष्पक्ष , पारदर्शी , स्वतंत्र पत्रकारिता का अनुपम उदाहरण देवर्षि नारद हैं । रामायण और महाभारत काल खंडके अनेक उदाहरण गिनाए जा सकते है । देवलोक से पृथ्वी तक निष्पक्ष ,उपयोगी और
आवश्यक संवाद के लिए सनातन धर्म मानने वालो के लिए नारद जी एक आदर्श संदेश वाहक थे । सृष्टि के समाचार के देवता , पृथ्वी के प्रथम पत्रकार , देव संवाददाता माने जाते है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ा विश्व संवाद केंद्र काशी की ओरसे नारद जयंती पर हर वर्ष कार्यक्रम आयोजित किया जाता है । सोनभद्र के वरिष्ठ पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी , रामनारायण सर्राफ , डॉक्टर परमेश्वर दयाल पुष्कर विजय शंकर चतुर्वेदी और भोलानाथ मिश्र , समेत कई पत्रकार अब तक सम्मानित हो चुके है ।
प्रज्ञा प्रवाह के उत्तर प्रदेश , बिहार छत्तीसगढ़ के संगठन मंत्री वरिष्ठ प्रचारक रामाशीष जी अब तक अनेक पत्रकारों को विभिन्न स्थानों पर सम्मानित कर चुके हैं । वे एक प्रखर वक्ता , चिंतक , विचारक है। संघ के प्रचार प्रमुख नीरज सिंह नारद जयंती पर कार्यक्रम आयोजित करते है। जमसोकर गांव के निवासी संघ के जिला कार्यवाह बृजेश सिंह का मानना है कि देवर्षि नारद जी का जीवन चरित्र आज 2024 के अमृतकाल में हो रहे 18 वें लोकसभा के आम चुनाव में एक निष्पक्ष पत्रकार की भूमिका के लिए अनुकरणीय उदाहरण है ।