संवाददाता। अनुपम चौबे।
सोनभद्र – सदर तहसील रावटसगंज के ग्राम सभा मऊ कला में लगभग 40 से 45 बीघा जमीन आदिवासियों द्वारा पुश्तो से जोत कोड करते चले आ रहे थे जन्म जन्मांतर आदिवासी समाज जमीन पर खेती बाड़ी कई वर्षों से करता चला रहा है मामला घटना मई 2023 की है जब कुछ लोगो द्वारा आदिवासियों की जमीन को अपना बताते हुए खाली करने को कहा?आदिवासी समाज यह सुनकर दंग रह गया कि ये लोग कौन है कहाँ से आये है और उभा जैसी कांड को अंजाम तो नहीं देंगे आदिवासी तत्काल ग्राम प्रधान के यहाँ पहुंचे और मौके की बात बताने लगे ग्राम प्रधान भी यह सुनकर आश्चर्य हुआ जिसका कभी ना नाम सुना था ना कभी गांव में देखा गया था उस व्यक्ति द्वारा पुश्तैनी जमीन बताई जा रही है जबकि उस व्यक्ति का कहीं दूर-दूर से नाता नहीं है वह किसी अन्य जिले का रहने वाला व्यक्ति है सोनभद्र निवासी वह भूतपूर्व सैनिक बताते हैं जिनको कि आदिवासी समाज के लोगो ने कभी न देखा है ना जानते हैं ना पहचानते हैं l ग्राम प्रधान ने उन लोगों से वार्ता किया और पूछा आप लोगों को यहां कभी ना देखा गया है ना ही कभी पुश्तैनी आपका मकान है तो आपकी जमीन हमारे गांव में कैसे हो सकती है जब कागज की जांच की गई तो उक्त लोगों का नाम मिला परंतु नाम मिलने के बाबत ग्राम प्रधान ने खोजबीन करना शुरू किया तो पता चला कि यह एक जमीन घोटाला है जो सर्वे मे अधिकारियो के मिली भगत से नाम हुआ है और उभा जैसे जमीन घोटाले की तरह मानते हुए जिलाधिकारी वह अन्य अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई! क्योंकि पूर्वजों के जमाने से रह रहे आदिवासी गिरी वासी और अनुसूचित जात जनजाति के लोग है हम लोगों ने उक्त आरजी को पूर्वजों से जमाने से जोट कोड कर उपजाऊ बनाया है हम लोग यही मान कर चले आ रहे हैं की यह जमीन हमारी है आदिवासी पढ़े लिखे नहीं है मेहनत मजदूरी करने वाले गरीब आदिवासी बनवासी हैं तथा कर्म लोक नृत्य आदिवासियों का नित्य है कर्मा लोक नृत्य के माध्यम से हम लोग कर्म देव की आराधना करते हैं जो कि हम आदिवासियों का मूल त्यौहार है आदवासियो ने न्याय के लिए माननीय उच्च न्यायालय से गुहार लगाया है! आदिवासियों के वकील उदय प्रकाश देव पांडे ने उच्च न्यायालय में पिटीशन याचिका दाखिल किया!