संवाददाता। मिथिलेश कुमार भारद्वाज ।
डाला सोनभद्र – वाराणसी/शक्तिनगर मार्ग का डाला ओबरा सम्पर्क मार्ग से डायवर्जन के कारण स्थानीय निवासी के साथ झारखंड,उत्तर प्रदेश, छतीसगढ़ के यात्री ज़िल्लतों को सह ही रहे थे परंतु आज तो हद हो गयी जब जिमीदारों ने अपने हाथ खड़े कर लिए। डाला से होकर डायवर्जन के रास्ते शाम 8 बजे से गाड़ियों के खराब व जिम्मेदार की लापरवाही से यात्री व अन्य गाड़ी वाले पूरी रात झेलते रहे। कोई पानी के लिए तो कोई भूख से परेशान। ऐसे में हर व्यक्ति अपनी परेशानी को लेकर घूमता नजर आया वही रात्रि के समय सभी दुकाने बंद होने से राहगीरों को कोई सुविधा भी उपलब्ध नही हो सकी। लगभग 10 से 15 किलोमीटर का जाम का जिम्मेदार कौन, यात्रियों ने बताया कि हम सभी मे किसी को ट्रेन पकड़ना है तो किसी को फ्लाइट, लेकिन यह जाम छूटने का नाम नही ले रहा। डायवर्जन मार्ग सकरा होने के कारण डबल गाड़ियों के आवागमन से जो समस्या आम जन को 8 महीने से झेलनी पड़ रही है। उसका निदान उत्तर प्रदेश स्टेट हाइवे और ब्रिज बनाने की जिम्मेदार रेलवे को कोई फर्क नही। देखा जाय तो 2012 से हाइवे के संचालन में आज तक कही भी सूचरु ढंग से सड़क कंप्लीट नही पाया गया। चार चक्का गाड़ियों के पुराने पल से आवागमन में जिले के आला अधिकारी सीधे अपने गंतब्य को निकल जाते है। परंतु झेलना तो जनपद के एक सिरे से दूसरे सिरे तक जाने वाले आम लोगों को है।