संवाददाता। विजय कुमार अग्रहरी।
● राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में अनपरा मेन गेट पर हुआ धरना।
● मजदूर विरोधी लेबर कोड रद्द हों।
अनपरा, सोनभद्र। लेबर कोड रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, बेकारी जैसे सवालों पर आयोजित राष्ट्रीय हड़ताल के आवाहन पर अनपरा तापीय परियोजना गेट पर धरना देकर आवाज बुलंद की। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि कारपोरेट हितैषी नीतियों से आम जनता को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में लोगों की जिंदगी की हिफाजत के लिए इन नीतियों में बदलाव बेहद जरूरी है। कल सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलेक्ट्रोरल ब्रांड को असंवैधानिक बताने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह अनायास नहीं है कि इलेक्ट्रोरल ब्रांड के माध्यम से कारपोरेट चंदे का 84% हिस्सा अकेले भारतीय जनता पार्टी को मिला है। इससे साबित होता है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार कारपोरेट की एजेंट बनी हुई है और जनविरोधी नीतियों को बढ़-चढ़कर लागू करने में लगी हुई है। लेबर कोड किसान विरोधी तीन कृषि कानून को लागू करने की कोशिश, आश्वासन के बावजूद एमएसपी पर कानून बनाने से इंकार करना इसके ज्वलंत उदाहरण हैं। डेढ़ साल पहले केंद्र सरकार में 10 लाख नौकरी देने की घोषणा भी महज प्रोपेगैंडा ही साबित हुई। देश भर में एक करोड़ सरकारी पद खाली है जिन्हें भरने का कोई इंतजाम नहीं किया जा रहा है। इन जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध किसानों और मजदूरों की एकजुटता देश को तानाशाही के रास्ते पर बढ़ने से रोकने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए के बेहद महत्वपूर्ण है।
वक्ताओं ने कहा कि देश को 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाने की चाहे जितनी बड़ी-बड़ी बातें मोदी सरकार करे लेकिन सच्चाई यह है कि कॉरर्पोरेट मुनाफे का उसका आर्थिक विकास का रास्ता फेल हो गया है। देश की कुल जीडीपी के बराबर कर्ज हो गया है। देश में हर तबका गंभीर संकटों के दौर से गुजर रहा है। मोदी जी गरीब, किसान, महिला और युवा के विकास की बातें कर रहे हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि सरकार ने बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि विकास, महिला कल्याण, एससी- एसटी सब प्लान जैसे जनउपयोगी मदों में बजट में बड़े पैमाने पर कटौती कर दी है। वक्ताओं ने कहा कि अनपरा क्षेत्र में आम आदमी की जिंदगी जीने लायक नहीं रह गई है। हवा और पानी में जबरदस्त प्रदूषण की वजह से लोग तमाम तरह की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। अनपरा प्लांट में काम करने वाले ठेका मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है और महीनों मजदूरी बकाया रखी जा रही है। उत्तर प्रदेश में 2019 से वेज रिवीजन नहीं हुआ जिसके कारण प्रदेश में मजदूरी बेहद कम है और इस महंगाई में मजदूरों को अपने परिवार का भरण पोषण करना कठिन होता जा रहा है। सभा की अध्यक्षता सीटू के पूर्व जिलाध्यक्ष अवधराज सिंह और संचालन जिला संविदा श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष सुरेंद्र पाल ने किया। सभा को यू. पी. वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर, उत्तर प्रदेश बिजली इंप्लाइज यूनियन के प्रदेश महामंत्री कामरेड विशंभर सिंह, युवा मंच के प्रदेश संयोजक राजेश सचान, ठेका मजदूर यूनियन के मंत्री तेजधारी गुप्ता, प्रचार मंत्री शेख इम्तियाज, सीटू कोषाध्यक्ष पन्नालाल, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की जिला मंत्री नीलम, भारतीय जनवादी नौजवान सभा के जिला मंत्री शिवकुमार उपाध्याय, सफाई मजदूर यूनियन के मंत्री कामरेड धर्मेंद्र, अध्यक्ष मुन्ना मलिक, किसान सभा के जगदीश कुशवाहा, मसीदुल्लाह अंसारी, शिवकुमार सोनी, गोविंद प्रजापति, कृष्णा, राधा, दुबराज देवी, शर्मिला श्रीवास्तव, राजदेव, रामबीसाले अगरिया आदि ने संबोधित किया।