विंध्य ज्योति गाजीपुर। शिव शंकर पाण्डेय
गाजीपुर जिले के सैदपुर नगर स्थित डायट में जिले के सभी राजकीय माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्यों व प्रधानाध्यापकों के लिए बीते 5 दिनों से चल रहा नेतृत्व विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया गया। राष्ट्रीय विद्यालय नेतृत्व केंद्र, राष्ट्रीय शैक्षिक योजना व प्रशासन विश्वविद्यालय नई दिल्ली के सहयोग से समग्र शिक्षा माध्यमिक उत्तर प्रदेश द्वारा डायट में इसका आयोजन हुआ था। उप शिक्षा निदेशक उदयभान ने कहा कि एक प्रधानाचार्य के सामने कई तरह की व्यावहारिक समस्याएं आती हैं। संस्था को हर परिस्थिति में अच्छे ढंग से चला लें, ये चुनौती उनके सामने होती है। बताया कि सीखने व सिखाने की प्रक्रिया और मनोविज्ञान वर्तमान समय में बदल गया है। हमें सीखने की प्रवृत्ति विकसित करने की आवश्यकता है। जिम्मेवारियों का बंटवारा करने से कार्य में सुधार होगा। शिक्षा की तकनीक में बदलाव आया है और उसे हमें सीखने की आवश्यकता है। प्रधानाचार्या रागिनी श्रीवास्तव ने कहा कि शैक्षिक नेतृत्वकर्ता के सामने कई तरह की चुनौतियां होती हैं। हमें अपने भौतिक एवं मानवीय संसाधनों को पहचान कर उनका उपयुक्त तरीके से नियोजन करना आवश्यक होता है। वित्तीय एवं तकनीकी जानकारी का होना भी अत्यंत आवश्यक है। वरिष्ठ प्रवक्ता राजीव पाठक ने कहा कि हमें अनुभवों से सीखने की जरूरत है। संसाधनों का बेहतर उपयोग कैसे करें इस दिशा में सोचने की जरूरत है। हमें अपनी कक्षा में ज्ञान के सृजन पर बल देने की जरुरत है। बेहतर नियोजन से कार्य की उपलब्धि गुणवत्ता परक होगी। हम सभी को अपने अंदर नेतृत्वकर्ता के गुण विकसित करने होंगे। आज की आवश्यकता है कि हम अपने सूचना प्रबंधन पर भी विशेष बल दें। संचालन करते हुए हरिओम कहा कि कार्य में सफलता मिलेगी मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी।