संवाददाता – विजय कुमार अग्रहरि।
सलखन सोनभद्र। उत्तर प्रदेश सामाजिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था श्याम साहित्य दर्पण काव्य मंच संबद्ध सोनभद्र मानव सेवा आश्रम ट्रस्ट के बैनर तले, नूतन वर्ष 2024 की पूर्व संध्या पर नामचीन कवि/कवयित्रियों द्वारा ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें सभी रचनाकारों ने एक से बढ़कर एक गीत, ग़ज़ल व कविताएं सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुरादाबाद उत्तर प्रदेश से उम्दा कलमकार आमोद कुमार ने किया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ कच्छ गुजरात की पावन धरा से शिरकत कर रहीं वरिष्ठ कवयित्री डॉ.संगीता पाल ने “हे शारदे मां, नव वर्ष तुम्हारा वंदन हो” की सुमधुर वाणी वंदना से किया। काव्य पाठ की कड़ी में अलवर राजस्थान से डॉ. बीना गुप्ता “अब नया अवसर आया है” की सुंदर प्रस्तुति दीं। खगड़िया बिहार से साधना भगत “मैया जी क्या भूल हुई” भक्ति गीत, रायगढ़ छत्तीसगढ़ से अंजना सिन्हा सखी “मैं अपनी चाहतों का पैगाम लिखती हूं राजस्थान से मिनाक्षी जैन “कुछ आ रहा–कुछ जा रहा, दिल्ली से देवेश दीक्षित “स्वागत हम स्वीकार करें” , राजस्थान से शैलेन्द्र कुमार बैरवा “मैं मुझसे अलग हूं मुझे अलग ही रहने दो, सोनभद्र से कृष्ण कुमार साहनी “नव रंग सुगंध नव पुष्प खिलें” , राजस्थान से बबलू भवालिया “ मानव को मानवता से जोड़ें” , आजमगढ़ उत्तर प्रदेश से अजय कुमार यादव रफ्तां–रफ्तां आदमी होता चला गया सतना मध्य प्रदेश से सरोज कुमारी ने उत्कृष्ट काव्य पाठ किया। इसी क्रम में संस्था के उपाध्यक्ष व मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. विपुल कुमार भवालिया ने “छोड़कर भविष्य को वर्तमान से सीखा” , उपसचिव अचला एस गुलेरिया ने “सारे जगत का गुरु बनेगा मेरा भारत” ने सभी सम्मानित काव्य मनीषियों को नूतन वर्ष की शुभ कामनाएं देते हुए अपनी रचनाएँ प्रस्तुत किए। इस पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन संस्था के राष्ट्रीय सचिव कविवर अवध बिहारी अवध ने किया। सभी रचनाकारों को डिजिटल प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। अंत में संस्था के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम बिहारी मधुर ने सभी अतिथियों का कोटि–कोटि आभार व हार्दिक शुभकामनाएं ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम के समापन की घोषणा किए।