संवाददाता – विजय कुमार अग्रहरि।
* दो लाख रूपये अर्थदंड, न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
* जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी।
* सात वर्ष पूर्व अनुसूचित जाति/जनजाति की नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म का मामला।
सोनभद्र। सात वर्ष पूर्व अनुसूचित जाति/जनजाति की नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने सोमवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी सुशील कुमार जायसवाल उर्फ पिंटू को उम्रकैद एवं दो लाख रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक कोन थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता ने 28 मार्च 2017 को थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसके माता और पिता छह माह पूर्व बाहर काम करने चले गए थे। इसी बीच करीब पांच माह पूर्व वह अपने खेत में काम करने गई थी तभी सुशील कुमार जायसवाल उर्फ पिंटू पुत्र जल्लू प्रसाद जायसवाल निवासी कुड़वा टोला पांडू चट्टान, थाना कोन, जिला सोनभद्र आकर जबरन बलात्कार किया था और जातिसूचक शब्दों से गाली देकर यह धमकी दिया था कि अगर किसी से कहोगी तो तुम्हें जान से मारकर फेक दूंगा। इसी वजह से वह किसी से नहीं बता रही थी। कुछ दिन बाद उसे पता चला कि वह गर्भवती हो गई है तब उसने सगे संबंधी तथा माता और पिता से बताया। उसके बाद उसकी मां ने इसका खुलासा किया। इसकी सूचना महिला संरक्षण अधिकार हेल्प लाइन नंबर 1090 पर उसने दिया। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी सुशील कुमार जायसवाल उर्फ पिंटू को उम्रकैद एवं दो लाख रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।