संवाददाता – विकास कुमार हलचल।
सोनभद्र। सोमवार को खनन क्षेत्र ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी मे उस समय हड़कंप मच गया। जब एक पेटिदार की खदान में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। जैसे घटना हुई वैसे ही अधिकतर खदानों में काम रूक गया। रात के अंधेरे में भी खनन नीतियों के विरुद्ध चलने वाला खनन क्षेत्र में सन्नाटा पसर गया। हादसे की बाबत कोई भी खनन क्षेत्र का व्यक्ति मुहं खोलने तक को तैयार नहीं है। लेकिन वही परिजन साजिशन हत्या करने की बात कह रहे है। परिजनों का आरोप है कि, हाथ, पैर और सर में चोट के निशान मिले है। यही नहीं बिना पुलिस और मृतक के परिजनों को सूचित किये शव को जिला अस्पताल पंहुचा दिया गया। जिससे अंदेशाओं को बल मिल रहा कि मामला संदिग्ध है। मृतक मनोज देव पांडे के रिस्तेदार ने बताया कि मृतक ओबरा का रहने वाला था। मनोज एक ई टेंडर के खदान में पार्टनरशिप में काम कर रहा था। संभवतः वहीं पर कुछ विवाद हुआ होगा। मृतक का हाथ पैर टूटा हुआ है और सर में चोट लगी हुई है। मृतक के पार्टनर लोग ही मृतक को हॉस्पिटल में लाये थे और यहां पर छोड़कर भाग गए। हम लोग जब यहां आए तो यहां पर कोई नहीं था। बॉडी लावारिस हालात में यहां पड़ी हुई थी। मृतक के रिस्तेदार ने संदेह जताया है कि वाद विवाद में मारपीट के दौरान घटना को अंजाम दिया गया हो। वही मृतक के भाई अरविंद पांडेय और जीजा नीरज कुमार मिश्रा की तहरीर से ओबरा थाना में तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई गई है। जिसके बाद पुलिस ने प्रारंभिक जांच शुरू की और इसी सिलसिले में मंगलवार को एडिशनल एसपी कालू सिंह ने खनन क्षेत्र में सोमवार को हुए हादसे के बारे में बताया कि, शारदा मंदिर के पास रहने वाले अरविंद पांडे द्वारा ओबरा थाने में सूचना दी गयी कि उनके बड़े भाई मनोज पांडे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक का शव लोढ़ी जिला अस्पताल के मोर्चरी में रखा हुआ है। इस सूचना पर ओबरा थाना पुलिस द्वारा शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई की गई। जांच में पता चला कि मनोज पांडेय पेटिदारी का कार्य करते थे और मनोज पांडेय मोटरसाइकिल से बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में जा रहे थे। जहां पर ये गिर गए। जिन्हें 2 लोगों द्वारा जिला अस्पताल पहुंचाया गया। आगे की जांच की जा रही है। यूपी की पुलिस ऐसे हर घटना पर तत्काल हरकत में आती है पर सोनभद्र जिले के खनन क्षेत्र में लगातार हो रही संदिग्ध मौत के मामले में घटना के 24 घंटे बाद बयान जारी करती है। ये समझ के परे है और बड़ा सवाल भी खड़ी करती है। इस घटना में भी संदेह सामने आ रहा है। पीएम होने के बाद पुलिस का बयान जारी करना बहुत कुछ कहानी बयान कर रहा है।