संवाददाता – रविन्द्र सिंह।
अंगद रावण संवाद का हुआ मंचन
मीरजापुर। पड़री थाना क्षेत्र के पैड़ापुर चौकी अंतर्गत धरमदेवां गांव में शुक्रवार को अंगद रावण संवाद का मंचन किया गया। रामलीला के प्रारंभ में प्रभु श्री रामचंद्र जी समुद्र के पास जाते हैं तथा तीन दिन तक विनय करते हैं। समुद्र के न मानने पर राम जी को गुस्सा आ जाता है। जिस पर प्रभु राम क्रोधित होकर लक्ष्मण से अपने धनुष और अग्निबाण को अपने एक बाण से समुद्र को समाप्त करने के लिए कहते हैं। प्रभु श्री राम जैसे ही धनुष पर बाण चढ़ाये कि समुद्र व्याकुल होकर प्रभु श्री राम जी के शरण में आया तथा नल अनिल के लिए बताए कि ये जितने पत्थर आपके नाम का पत्थर रखते जाएंगे, सब मुझ पर रहेगा। एक दिन में समुद्र पर पुल तैयार हो गया। इसके बाद प्रभु श्री रामचंद्र अपनी सेना के साथ समुद्र पार कर लंका में के समीप पहुंचते हैं। जहां पहुंचकर कहते हैं कि लंकापति तो चुप बैठा है किंतु उससे किस तरह की लड़ाई लड़ा जाए। आप लोगों की क्या राय है, बताइए। जिस पर हनुमान जी ने कहा कि यदि आपका आदेश हो तो मैं जाऊं अभी लंका नगरी को समुद्र में ढहा दूं। इसके बाद जामवंत ने कहा कि इस बार हम लड़ाई लड़ने के लिए लंका नगरी के समीप आ चुके हैं। इसकी सूचना देने हेतु अंगद को कहा गया। जिसके बाद अंगद रावण के दरबार में पहुंचते हैं। जहां काफी देर तक बड़ा ही रोचक एवं मार्मिक प्रसंग अंगद रावण के संवाद के तहत मंच के माध्यम से देखा गया। जहां अंगद ने रावण से कहा कि अब तुम्हारी काल निकल निकट आ गई है। जहां रामलीला के डायरेक्टर ओमप्रकाश दूबे तथा अध्यक्ष श्याम कांत द्विवेदी मौजूद रहे। वहीं कलाकारों में हेमंत मिश्रा, विनय मिश्रा, दिल्लू लाल, चुन्नीलाल, अरविंद, कान्हा, पीतांबर मिश्रा आलोक दुबे आदि अभिनय कर रहे थे। वहीं दूरदर्शन कलाकार मोहम्मद इस्लाम तथा न वादक विजय कुमार विश्वकर्मा व बैंजो वादक प्यारेलाल ले अपने कला की जादू बिखेरा।