संवाददाता – अनुज कुमार जायसवाल।
कुछ दिन पूर्व प्रशासन की जांच से बौखलाहट में है अवैध कोल माफिया।
सोनभद्र/यूपी। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में पत्रकारों पर हमले का मामला सामने आया है। 4 पत्रकार कालाबाज़ारी व अवैध कोयला के कारोबार पर हुए शासन स्तर पर एक्शन के बाद खबर कवरेज करने गए थे। इस दौरान कोल माफिया के गुर्गों ने उन पर जानलेवा हमला बोल दिया। आपको बता दे कि, सोनभद्र के 4 पत्रकारों पर माफियाओं द्वारा पाले गए गुर्गों ने हमला कर घायल कर दिया है। मामला कालाबाज़ारी और मिलावटी अवैध कोयले के परिवहन से जुड़ा है। कुछ दिन पूर्व ही शासन की तरफ से और खनिज विभाग की तरफ से अवैध कोयले व परिवहन के खिलाफ जांच कर एक्शन लिया गया था। इसकी खबर का कवरेज करने 4 पत्रकार गए थे। लेकिन खनन माफियाओं को जैसे पता लगा आईडी लगाए कुछ लोग स्टॉक कोयले का वीडियो बना रहे है। वैसे ही कोल माफियाओं के आदेश पर उनके गुर्गों ने घेराबंदी शुरू कर दी। चारों तरफ से पत्रकारों की नाकाबंदी कर दी गई और गाली गलौच का सिलसिला मारपीट तक पहुँच गया। हॉस्पिटल में भर्ती घायल पत्रकार सत्यदेव ने बताया कि, कुछ दिन पूर्व हुए कोयले की जांच शासन स्तर पर हुआ था। जिसमे कार्यवाही भी खनिज विभाग की तरफ से की गई थी। उसी मामले में हम साथी पत्रकार ग्राउंड रिपोर्टिंग करने सलाईबनवा गए हुए थे। हम सभी सलाईबनवा स्टेशन के नजदीक थे ही कि चारों तरफ से गुर्गों ने हमे घेर लिया। हम सब किसी तरह सलाईबनवा स्टेशन पहुँचे की हमे रेलवे का संरक्षण मिल सकता है। लेकिन माफियाओं के बेखौफ गुर्गों ने हम चारों को स्टेशन पर भी घेर लिया और बातों में उलझाकर पीछे से हमला कर दिया। लगभग 50 की संख्या में गुर्गों ने गाली देना चालू किया। किसी तरह हमलोग बचकर रेलवे स्टेशन परिसर से निकले और चोपन की तरफ आने लगे तब भी उन लोगों ने हमलोगों की गाड़ियां रुकवाई और पथराव किया। सत्यदेव पांडेय ने बताया कि, पत्रकारों पर हुए हमले की लिखित शिकायत चोपन थाने में दे दी गई है। हालांकि साथी पत्रकार द्वारा रेलवे परिसर में हुए हमले के मामले में जब शिकायत देने की कोशिश की गई तो रेलवे प्रशासन ने मामले से ही पल्ला झाड़ लिया। हमारी मांग है चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों पर हमला करने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त से शख्त कार्रवाई हो। जिससे आने वाले समय में कोई भी पत्रकारों के ऊपर हमला करने की हिमाकत न करें। साथ ही पत्रकार सत्य पांडेय ने कहा कि, अगर खबर के दौरान हमारे व साथी पत्रकार के साथ अप्रिय घटना घट जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता। पत्रकार समाज का आईना होते है और उनको गलत कार्य करने वालों के खिलाफ न्यूज़ संकलन करने से कोई रोक नहीं सकता। बता दे कि, खनिज संपदा से भरे सोनभद्र जिले में किसी भी तरह का खनन हो उसमे बड़े पैमाने में अवैध खनन का खेल खेला जाता है। इस खेल में कुछ तो सफेद पौशाक वाले नेता सम्मलित होते है कुछ बड़े अधिकारी। जिनके सह पर पूरा खेल खेला जाता है। कोल माइनिंग में भी बड़े पौशाक के नेता व अधिकारियों की मिलीभगत है। तभी तो बड़े पैमाने पर सोनभद्र में कोयले का अवैध कारोबार चल रहा। अब देखने वाली बात होगी कि पत्रकार पर हुए हमले पर प्रशासन की तरफ से क्या कार्रवाई होती है।