संवाददाता – विशाल गुप्ता
बीजपुर(सोनभद्र) म्योरपुर शिक्षा क्षेत्र अंतर्गत जरहा न्याय पंचायत के बिभिन्न परिषदीय विद्यालयों में तैनात आठ टीचर वर्षो से घर बैठे बेतन उठा रहे हैं। अभिभावकों की माने तो आठों टीचर शायद अपने तैनाती के समय ही स्कूल में आएहोगें बाकी समय घर बैठ कर सरकारी बेतन उठा अपने कारोबार की देखभाल करते हैं।मिली शिकायत पर गौरकरे तो कम्पोजिट विद्यालय हड़बड़िया से बंदना सिंह, कम्पोजिट विद्यालय लीलाडेवा से रानी जायसवाल,कम्पोजिट विद्यालय महुली से धर्मेंद्र सिंह यादव और स्वाति सिंह, प्राथमिक विद्यालय खम्हरिया से पद्मिनी सिंह,उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पिंडारी से रुचि सिंह और संगीता चौधरी,प्राथमिक विद्यालय बघाडू से धीरेंद्र कुमार सिंह बिभागीय सेटिंग गेटिंग के तहत लंबे समय से गायब रहते हुए सरकार के खजाने से बेतन उठा कर मौज कर रहे हैं तो इनकी हाजिरी स्कूल में तैनात शिक्षा मित्र या सहयोगी टीचर लगाते हैं। बताया जाता है कि महुली में तैनात धर्मेंद्र यादव तो बनारस और लखनऊ में प्रॉपर्टी डीलर के कारोबार में ब्यस्त रहते हैं। महुली ग्राम प्रधान प्रतिनिधि की माने तो धर्मेंद्र यादव राजनीतिक पार्टी से जुड़े हुए हैं यह मजबूरी में नौकरी कर रहे है। उधर सम्बन्धित गाँवों के अन्य ग्राम प्रधान का आरोप है कि स्कूलों में वैसे भी टीचरों की कमी है बावजूद जिनकी तैनाती हुई है वह भी गायब रहते है इस गम्भीर मामले की शिकायत बेसिक शिक्षाधिकारी और एबीएसए म्योरपुर से कई बार की गई लेकिन कोई सुनता ही नही।बताया जाता है कि आदिवासी क्षेत्र होने के कारण दूरदराज गाँवों के स्कूलों में पोस्टिंग पाकर ऊंची पहुँच रखने वाले इन टीचरों पर प्रधानाध्यापक सहित बिभागीय अधिकारी कार्रवाई से डरते हैं जिसके कारण निरंकुश टीचर अपनी जेब तो भर रहे हैं लेकिन गरीब ग्रामीण बच्चों की जिंदगी से खुलकर खिलवाड़ करने से भी नही चूक रहे हैं।बीईओ म्योरपुर विश्वजीत कुमार ने कहा कि चार महिला टीचरों का वेतन रोक कर स्पष्टी करण मांगा गया है बाकी के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।