विंध्य ज्योति संवादाता विकास कुमार हलचल।
सोनभद्र ।कोन थाना क्षेत्र के कचनरवा पंचायत की कई विद्यालयों की स्थिति खराब। राज्य सरकार द्वारा जोर शोर से परिषदीय विद्यालयों को चमकाने के लिए शुरू की गई काया कल्प योजना सिर्फ दिखावा । कई विद्यालयों में काम अधूरे पड़े हैं। कहीं फर्श तोड़ कर छोड़ दिया गया तो कहीं छत, चहारदीवारी का अधूरा मरम्मत कराकर छोड़ दिया गया है तो कहीं पूरे परिसर में अधुरी इंटरलॉकिंग ईंट नहीं लगाई जा सकी है।कायाकल्प योजना सरकार ने इस उद्देश्य से शुरू किया है जिससे परिषदीय विद्यालयों की बदहाली दूर की जा सके। सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर तमाम स्कूलों में सिर्फ फर्ज अदायगी ही देखने को मिल रही। जैसे तैसे काम कराने को ही प्राथमिकता दी जा रही है। इसका खामियाजा शिक्षक, छात्र- छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति तो शौचालयों की है। कहीं सिर्फ दिवार खड़ा कर के छोड़ दिया गया है शिक्षक, बच्चे खुले में शौच करने को मजबूर हैं कहीं है भी तो उन्हें साफ और दुरुस्त रखने पर फोकस नहीं किया जा रहा है। परिसर की नियमित साफ सफाई को भी तवज्जो नहीं दी जा रही। एक विद्यालय के प्रधानाध्यापिका ने बताया कि हमने अपने विभाग एवं ग्राम प्रधान को चार वर्ष से लगातार अवगत करा रही हु लेकिन कुछ नहीं हो रहा अभी बरसात का मौसम है बच्चे बाहर शौच को जाते हैं सांप, विच्छी काटने का डर बना रहता है ।वहीं ग्रामीणों ने बताया कि एक तरफ सरकार स्वच्छ भारत का नारा देकर स्वस्थ भारत के सपने दिखा रही है, वहीं दूसरी तरफ अबतक विद्यालय में शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं की गई है।