मध्य प्रदेश में में सौतेले बेटे की हत्या करने वाली मां को 19 महीने बाद उम्र कैद की सजा सुनाई गई। महिला ने हत्या के बाद खुद भी जहर (कीटनाशक) पी लिया था।
मध्य प्रदेश के गुना में सौतेले बेटे की हत्या करने के जुर्म में एक महिला को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। घटना 2022 में जिले के फतेहगढ़ इलाके घटी थी। महिला ने बच्चे को मौत के घाट उतारा और इसके बाद खुद भी जहर पी लिया था। बच्चे की लाश के पास से मिले चार्जर की डाटा केबिल से हत्या की पुष्टि होने में काफी मदद मिली। षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश सुरेश सूर्यवंशी ने पत्नी सविता को सजा सुनाई है। महिला के ऊपर उम्र कैद के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया गया है।
चार्जर की डाटा केबिल से की हत्या
साल 2020 में पहली पत्नी के छोड़कर चले जाने के बाद अंबाराम चक्क में रहने वाले सुखराम भील ने दूसरी शादी कर ली थी। पहली शादी से उनके दो बच्चे थे; एक लड़का और एक लड़की। सुखराम ने पहली पत्नी की बुआ से शादी की थी। एक दिन सुखराम अपनी बेटी को लेकर शादी में शामिल होने गया था। उस वक्त घर में माता-पिता भी नहीं थे। 28 दिसंबर 2022 को लौटकर आए तो देखा कि घर में खटिया पर बच्चा मरा पड़ा है। पास में अभिषेक की सौतेली मां भी अचेत अवस्था में पड़ी मिली थी। बच्चे की लाश के पास सफेद रंग के मोबाइल चार्जर की डाटा केबिल पड़ी मिली थी। जांच के दौरान पाया गया कि केबिल पर बच्चे के गले की खाल के हिस्से पाए गए थे। इस कारण भी हत्या की पुष्टि होने में मदद मिली।
सुखराम सहित अन्य ने दर्ज कराए बयान
जांच के दौरान नरेश भील, पप्पू भील और सुखराम भील के बयान लिए गए। उन्होंने अपने बयानों में बताया कि सविता बाई अभिषेक की सौतेली मां थी। वह सौतेले बेटे अभिषेक और उसकी बहन आरती के प्रति नफरत भरे भाव रखती था। उसका व्यवहार भी अभिषेक के प्रति अच्छा नहीं था। घटना के दिन रात में घर पर अभिषेक और उसकी सौतेली मां सविता बाई ही थे। सुबह करीब 8 बजे नरेश भील ने अभिषेक को जगाने के लिए आवाज लगाई, तो उसने दरवाजा नहीं खोला। दरवाजे की कुंडी अंदर से बंद थी। 19 महीने में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने महिला को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही महिला पर जुर्माना भी लगाया है।